India News (इंडिया न्यूज), MahaKumbh 2025: 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में का आगाज होने जा रहा है। यह महाकुंभ 26 फरवरी को खत्म होगा। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल के अंतराल पर होता है। महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा के दिन हो रहा है। मान्यता है कि कुंभ मेले में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष मिलता है। 30-45 दिनों तक चलने वाला महाकुंभ मेला हिंदूओं के लिए काफी खास माना जाता है।

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देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु

महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते है। महाकुंभ में बाबाओं के आने का सिलसिला पिछले काफी दिनों से जारी है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के रहने वाले ‘एम्बेसडर बाबा’ भी यहां पहुंचे हैं। जो अपनी अनोखी कार को लेकर चर्चा का विषय बने हुए हैं. आपने अक्सर साधु-संतों, महात्माओं को झोपड़ी या आश्रम में रहते देखा होगा, लेकिन आज हम जिस एम्बेसडर बाबा की बात कर रहे हैं. उन्होंने कार को ही अपना आश्रम बना लिया है।

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एम्बेसडर बाबा बने चर्चा का विषय

बाबा अपनी जरूरत की लगभग सभी चीजें अपनी कार में रखते हैं। बाबा अपनी कार से प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में पहुंचे हैं। संगम की पावन धरती पर एम्बेसडर बाबा की अलग पहचान लोगों को उनकी ओर आकर्षित कर रही है। वह कार में ही अपना जीवन गुजारते हैं। एम्बेसडर बाबा जिस कार से संगम की धरती पर आए हैं, वह करीब 52 साल पुरानी एम्बेसडर कार है और बाबा इसी कार में रहते हैं। एंबेसडर बाबा ने बताया कि यह कार उनके पास 30-35 सालों से है। बाबा ने कार को भगवा रंग में रंगवा रखा है। यह एंबेसडर कार का मॉडल 1972 है।

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चलता-फिरता आश्रम

बाबा ने निजी मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि वह मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं। लोग उन्हें टॉर्जन बाबा के नाम से भी बुलाते हैं। एंबेसडर बाबा का असली नाम महंत राजगिरी नागा बाबा है। इन दिनों बाबा महाकुंभ में संगम किनारे कुटिया बनाकर रह रहे हैं। उनकी अनोखी कार भी उनकी कुटीया के सामने खड़ी हुई है। बाबा का कहना हैं कि उन्होंने अपनी कार को मां का दर्जा दिया है। उन्हें इस कार में आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है।