India News (इंडिया न्यूज),MP News:  दमोह जिले के दोनी गांव में पुरातत्व विभाग ने नौवीं सदी के प्राचीन शिव मंदिरों के समूह की खोज की है। इन मंदिरों के अवशेष गांव में बिखरे पड़े मिले हैं, जिन्हें संरक्षित करने का काम जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये मंदिर 70 फीट ऊंचे और कलचुरी काल के पहले चरण के हैं।

70 किलोमीटर दूर मिली इतिहास की अमूल्य धरोहर

जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित इस स्थल पर पिछले तीन महीनों से मलबा एकत्र करने का काम चल रहा है। पुरातत्व विभाग का कहना है कि मंदिरों की संरचना खजुराहो के समकालीन है और इन्हें युवराज देव के शासनकाल में बनाया गया होगा। मंदिर के अवशेषों में शिव, गणेश, अर्द्धनारीश्वर समेत 35 देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं।

70 फीट ऊंचे मंदिर और रहस्यमय जमींदोजी

इन मंदिरों की प्लिंथ जमीन से ढाई मीटर ऊंची है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इनकी ऊंचाई लगभग 70 फीट रही होगी। स्थानीय सैंडस्टोन से निर्मित इन मंदिरों के जमींदोज होने की वजह आक्रमण, मौसम, या मानव क्षति बताई जा रही है।

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संरक्षण और पुनर्निर्माण की संभावनाएं

रानी दमयंती संग्रहालय के अधीक्षक सुरेंद्र चौरसिया ने बताया कि यदि 80% तक पत्थर या अवशेष मिल जाते हैं, तो इन्हें जोड़कर दोबारा मंदिर का निर्माण किया जा सकता है। दोनी गांव में मिले मलबे की जांच जारी है, और अन्य मंदिर समूहों की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा।

पुरातत्व और पर्यटन का संगम

प्रदेश के संस्कृति और पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने इस परियोजना का शुभारंभ किया था। इन मंदिरों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए क्षेत्र में पर्यटन के नए द्वार खुल सकते हैं। दोनी गांव में मिले इन मंदिरों की कहानी सिर्फ इतिहास की नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और आस्था की भी है। पुरातत्व विभाग की जांच से आने वाले दिनों में भारतीय सभ्यता के इस अनमोल खजाने के और भी रहस्य उजागर हो सकते हैं।

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