India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्यप्रदेश के इंदौर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने आई महिला की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया देने के बाद महिला शॉक में चली गई और डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
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जानें कैसे हुई घटना?
बता दें, इंदौर के सर सेठ हुकुमचंद अस्पताल में ललिता नाम की महिला मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने आई थी। वह डायबिटीज और हाईपरटेंशन की मरीज थी। बता दें, सर्जरी के लिए डॉक्टरों ने लोकल एनेस्थीसिया दिया, जिसके बाद वह अचानक शॉक में चली गई। डॉक्टरों ने तुरंत CPR देकर बचाने की कोशिश की, लेकिन महिला की हालत बिगड़ती चली गई। ऐसे में, डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर देखकर मरीज को एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया, जहां डॉक्टरों ने ईसीजी जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने लगाए आरोप
बताया गया है कि, मृतका के भाई जयकुमार वर्मा ने बताया कि डॉक्टरों ने पहले सर्जरी से मना कर दिया था, लेकिन बाद में उसे फिटनेस सर्टिफिकेट देकर ऑपरेशन के लिए भेज दिया गया। ऑपरेशन थिएटर में जाने के कुछ देर बाद ही उसे एंबुलेंस में डालकर एमवाय अस्पताल ले जाया गया। रास्ते में उसकी सांसें नहीं चल रही थीं, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि वह जिंदा है। फिलहाल, इस मामले में सीएमएचओ डॉ. बीएस सेत्या ने ऑप्थेलमोलॉजिस्ट डॉ. कमला आर्य को हटा दिया और उन्हें जिला अस्पताल में अटैच कर दिया है। इसके अलावा 6 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
इस मामले में मृतका के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट होगा। देखा जाए तो इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं, और परिजनों ने सर्जरी में लापरवाही का आरोप लगाया है।