India News (इंडिया न्यूज),Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ के बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों के 2943 पोलिंग बूथ में पहले चरण में होगा मतदान, इनमें 1254 केंद्र संवेदनशील, लेकिन 148 केंद्रों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा, यहां तक पहुंचने लेंगे हेलीकॉप्टर की मदत।

7 नवंबर को मतदान

बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में 7 नवंबर को मतदान होने हैं। इसके लिए 2943 मतदान केंद्र तय किए गए हैं। इन केंद्रों में मतदान करवाने की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। बस्तर संभाग में कुल 12 सीटों में तैयार किए गए 2943 केंद्रों में से 1254 ऐसे केंद्र हैं, जिन्हें संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है।

पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

इन केंद्रों में चुनाव करवाना निर्वाचन आयोग के साथ ही पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती है। बताया जाता है कि संवेदनशील केंद्रों के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जा रही है। इन केंद्रों के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा तैयार की जा रही है। संवेदनशील केंद्रों में नक्सलियों का प्रभाव है और उन्होंने चुनाव के बहिष्कार का नक्सलियों ने पहले ही ऐलान कर दिया है।

नक्सली चुनाव को प्रभावित न कर पाएं और निर्भय होकर ग्रामीण लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इसके लिए सुरक्षित माहौल बनाने की कोशिश में निर्वाचन आयोग लगा हुआ है।

148 बूथ अतिसंवेदनशील

बस्तर पुलिस की मानें तो संवेदनशील केंद्रों से लगे इलाकों में लगातार सर्चिंग की जारी है। सेंट्रल फोर्स ने इन इलाकों को अपनी निगरानी में लेना भी शुरू कर दिया है। बस्तर में 148 पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जो अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं। यहां तक पहुंचने के लिए न तो कोई सड़क है और न ही दूसरी कोई आने जाने कि व्यवस्था। इन हालातों में यहां तक मतदान दल व फोर्स के जवानों को हेलीकॉप्टर की सहायता से भेजा जाएगा।

सुरक्षा बलों के साथ जाएंगे मतदान दल

संवेदनशील केंद्रों तक फोर्स की रोड ओपनिंग पार्टी मतदान दलों के साथ जाएगी। इसके बाद ही मतदान दल को केंद्र तक छोड़ा जाएगा। सुरक्षित रास्ता मिलने पर मतदान दल आगे बढ़ेगा और फिर ग्रामीण भी वोट डालने आगे जाएंगे। बताया गया है कि संवेदनशील मतदान केंद्रों के आस पास जवानों का विशेष घेरा भी होगा, जो मतदान केंद्र की सुरक्षा करेगा। संवेदनशील केंद्रों के आस पास खुले फोर्स के कैंप से सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग भी की जाएगी।

ड्रोन से हो रही निगरानी

सूत्रों की मानें तो संभाग के संवेदनशील क्षेत्रों में चुनाव को देखते हुए विशेष ड्रोन से निगरानी की जा रही है। ड्रोन लगातार क्षेत्र की स्कैनिंग कर रिपोर्ट दे रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि चुनाव के दौरान फोर्स की बढ़ती संख्या व दबाव की वजह से नक्सली अब अपने प्रभाव क्षेत्र से धारे-धीरे दूर हो रहे हैं। वे ग्रामीणों में मिलकर चुनाव को दूर से ही देख रहे हैं। पुलिस भी दावा कर रही है कि चुनाव के दौरान नक्सली कुछ खास नहीं कर पाएंगे। पुलिस बल अपनी तैयारी पूरी बता रही है।

चुनाव के दौरान फोर्स की बढ़ती संख्या

सुकमा, नारायणपुर, ,बीजापुर और कांकेर जिलों के मतदान केंद्र संवेदनशील
निर्वाचन आयोग ने संवेदनशील केंद्रों की जो सूची जारी की है, निर्वाचन आयोग के अनुसार बीजापुर और सुकमा जिले में सबसे ज्यादा संवेदनशील केंद्र हैं। इन जिलों में बीजापुर और कोंटा सीट के लिए मतदान किया जाएगा।

सुकमा में लगभग साढ़े तीन सौ और बीजापुर में दो सौ से ज्यादा केंद्र तय किए गए हैं। इसके बाद नारायणपुर और कांकेर जिले में संवेदनशील केंद्र हैं। संभागीय मुख्यालय के आसपास चांदामेटा, दरभा जैसे गांवों में बन रहे केंद्र को संवेदनशील माना गया है।

तर्रेम में पहली बार स्थापित हो रहा मतदान केंद्र

वर्ष 2021 में बीजापुर के तर्रेम में एक बड़ी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें से हमारे 22 जवान शहीद हुए थे। इस दौरान एक जवान राकेश कुमार मन्हास का नक्सलियों ने अपहरण भी कर लिया था। इस बार गांव में पहली बार मतदान केंद्र की स्थापना हो रही है। यहां पर चिन्नागेलूर, पेद्दागेलूर सहित अन्य गांव के लोग मतदान करेंगे। तर्रेम में फोर्स का कैंप स्थापित होने के बाद हालात बदले तब यहां मतदान की स्थिति अब कि बार बन पाई है।

बस्तर में 1 लाख जवानों को किया गया तैनात

बस्तर संभाग में 1 लाख से ज्यादा जवानों की पहरेदारी में चुनाव संपन्न करवाए जाएंगे। मालूम हो कि विधानसभा, लोकसभा, नगरीय निकाय व पंचायत चुनावों को नक्सलियों द्वारा हमेशा विरोध किया जाता रहा है। वहीं चुनाव में बाधा डालने का प्रयास भी नक्सलियों ने लगातार किया है। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में जांच को तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही नक्सल विरोधी अभियानों में भी तेजी आई है।

एसटीएफ, कोबरा,जवानों को किया तैनात

विधानसभा चुनाव संपन्न करवाने जिला पुलिस के साथ ही डीआरपीएप व कोबरा, एसटीएफ, बीएसएप, सीआरपीएफ, आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया हैं। हालांकि सीआरपीएफ व आईटीबीपी के जवानों के कैंप बस्तर में पहले से स्थापित हैं और जिला पुलिस के साथ डीआरजी-एसटीएफ लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन बीएसएफ को विधानसभा चुनाव के लिए बस्तर में तैनात किया गया है।

चुनाव संपन्न कराने के पुलिस के इंतजाम

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. बताते हैं कि बस्तर में 7 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए हमारे जवान पूरी तरह से तैयार हैं। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपटे इसके लिए इंतजाम किए जा चुके हैं। फोर्स डिप्लॉय होना शुरू हो चुकी है। एक-दो दिन में फोर्स संवेदनशील केंद्रों में तैनात नजर आएगी। विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने पूरी रणनीति तैयार है। बस्तर संभाग के जिलों में लगातार ऑपरेशन जारी हैं।

हेलीकॉप्टर से भेजे जाएंगे मतदान दल

  • अंतागढ़- 6
  • नारायणपुर- 18
  • दंतेवाड़ा- 9
  • बीजापुर- 73
  • कोंटा- 42

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