Haryana Politics: हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पहली परीक्षा आज यानी बुधवार को होने जा रही है। विधानसभा सत्र शुरू हो चुका है। कुछ देर में फ्लोर टेस्ट होगा। जेजेपी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था। लेकिन जेजेपी के तीन विधायक (देवेंद्र बबली, रामकुमार गौतम, ईश्वर सिंह और जोगीराम सिहाग) ने व्हिप को खारिज कर दिया और विधानसभा पहुंच गए। जेजेपी ने अपने सभी विधायकों को विधानसभा न आने की हिदायत दी थी। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने बागी विधायकों को रोकने के लिए यह कवायद की थी। तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया।

आपको बता दें कि नई सरकार के गठन के बाद विशेष सत्र बुलाया गया है। विशेष सत्र में मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे। आंकड़ों की बात करें तो नायब सरकार के पास बहुमत से ऊपर का आंकड़ा है। बीजेपी सरकार को 48 विधायकों का समर्थन हासिल है। बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 46 है। फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता सीएम नायब सैनी ने की। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, सभी पांच कैबिनेट मंत्री और सभी विधायक मौजूद रहे।

हरियाणा विधानसभा का गणित

हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। बीजेपी के पास 48 विधायकों का समर्थन है। इनमें से बीजेपी के 41 विधायक हैं, बीजेपी के साथ 6 निर्दलीय विधायक हैं, 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी (गोपाल कांडा) का है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। जेजेपी के बागी पांच विधायक हरियाणा सरकार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं या वोटिंग के समय अनुपस्थित रह सकते हैं।

हिसार में जेजेपी की रैली के चलते ये विधायक भी विधानसभा से गैरहाजिर रह सकते हैं। इस रैली में जेजेपी अपनी भविष्य की रणनीति का ऐलान करने जा रही है। वहीं, सरकार के खिलाफ निर्दलीय-1 (बलराज कुंडू), इंडियन नेशनल लोकदल-1 (अभय चौटाला) और कांग्रेस के 30 विधायक हैं।

हरियाणा के 11वें सीएम बने नायब सिंह सैनी

आपको बता दें कि बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन मंगलवार को टूट गया। इसके बाद मनोहर हल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई। नायब सैनी 2014 में पहली बार विधायक बने। 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीते। 2023 में उन्होंने हरियाणा बीजेपी की कमान संभाली। शपथ लेने के बाद उन्होंने मनोहर लाल खट्टर के पैर छुए।

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