इंडिया न्यूज, शिमला।
हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने कनलोग में अगस्त में 5 वर्ष की बच्ची को तेंदुए द्वारा उठाने और उसके मारे जाने पर कड़े आदेश जारी किए हैं। आयोग ने आदेश जारी किए कि इस तेंदुए को तत्काल जिंदा पकड़ें या तुरंत मारें। यह आदेश सभी पक्षों को सुनने और आयोग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट आने के बाद जारी हुए हैं।

बच्ची की दादी को पांच लाख देने के आदेश (Human Rights Commission’s Decision)

आयोग ने एक माह के अंदर सभी तेंदुओं को भी चिह्नित और टैग करने के लिए भी कहा है। साथ ही बच्ची की दादी को भी चार लाख रुपए की पूरी मुआवजा राशि देने के आदेश दिए हैं। ज्ञात रहे कि डाउनडेल में दिवाली की रात एक और बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया था। इससे पहले कनलोग में 5 अगस्त 2021 को पांच साल की बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था।

यह तेंदुआ मानव जीवन के लिए खतरा : भंडारी (Human Rights Commission’s Decision)

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी ने निर्णय में कहा कि यह मानवाधिकार हनन का मामला है। इस तेंदुए को मानव जीवन के लिए खतरा घोषित किया जाता है। तेंदुए ने इस छोटी बच्ची को इरादतन और पहले से ही सुनियोजित तरीके से मारा। अगर उस आदमखोर तेंदुए को पकड़ा जाना संभव नहीं है तो उसे तत्काल मार दिया जाए। डीएफओ शहरी शिमला एवं वाइल्ड लाइफ वार्डन तेंदुए का तत्काल डेथ वारंट जारी करें। वहीं आदेशों में यह भी कहा गया कि विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी और कैमरा ट्रैप एक महीने के अंदर लगाए जाएं।

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