Jharkhand Student Protest: झारखंड में आज छात्रों का बड़ा प्रर्दशन है। इसकी तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाना चाहिए, सिर्फ 200 मीटर इलाके में इसके लिए 12 सौ पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के बैनक तले इस प्रर्दशन का आयोजन किया जा रहा है। यूनियन ने 72 घंटे के महाधरने का ऐलान किया है। रांची के मोराबादी मैदान में 50 हजार छात्रों का जुटान होगा, इसके बाद यह लोग सीएम हाउस का घेराव करने के लिए निकलेंगे।

  • धारा 144 लगाया गया
  • 36 जगह बैरिकेडिंग की गई
  • 60:40 नियोजन नीति का विरोध

प्रर्दशन को देखते हुए सीएम हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीएम के घर के आसपास 200 मीटर के इलाके में धारा 144 लगा दी गई। चार कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स, इको, एसआइआरबी, आइआरबी, जैप-10 की महिला पुलिस, लाठी पार्टी और होमगार्ड की तैनाती की गई। 36 जगह बैरिकेडिंग की गई है। आंसू गैस और वाटर कैनन के अलावा छह डीएसपी और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।

किस बात का विरोध?

झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन आज से 60:40 नियोजन नीति का विरोध और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति का विरोध कर रहा है। वह चाहते है कि बिहार के तर्ज पर झारखंड में नियोचन नीति लागू हो।

नियुक्तियां शुरू की जाएं

बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को लागू कर सकती है। इसी अधिकार के तहत बिहार की 3 मार्च 1982 वाली नियोजन नीति जिसका पत्रांक 5014/81-806 है, को लागू कर बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।

उत्तराखंड की तर्ज़ पर नकल नीति

नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए। जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए। झारखंड के एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा की अनिवार्यता हो। क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाएष। मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दी जाए। उत्तराखंड की तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए।

19 अप्रैल को झारखंड बंद

आज सीएम हाउस घेराव के बाद 18 अप्रैल को झारखंड के जिला और प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला जायेगा। 19 अप्रैल को झारखंड बंद बुलाया गया है। नियोजन नीति के विरोध को लेकर पहले भी आंदोलन हो चुका है। तब पुलिस प्रशासन की ओर से सख्ती बरतते हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस भी छोड़ा गया था।

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