India News (इंडिया न्यूज),MP Election 2023: मध्य प्रदेश के छतरपुर की एसडीएम निशा बांगरे एक बार फिर चर्चा में हैं। राज्य सरकार ने 24 अक्टूबर को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब चर्चे की वजह उनका इस्तीफा मंजूर होना नहीं।
बल्कि मंजूरी से ज्यादा इसकी टाइमिंग है। निशा का इस्तीफा कांग्रेस की ओर से बैतूल की आमला सीट से अपना प्रत्याशी घोषित करने के एक दिन बाद मंजूर किया गया है। माना जा रहा था कि बांगरे कांग्रेस के टिकट पर आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी।
कांग्रेस ने उतारा उम्मीदवार
कांग्रेस भी इसके लिए निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर होने का इंतजार कर रही थी। इसे लेकर हो रही देरी और नॉमिनेशन में बचे कम दिन की वजह से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। अब इसके बाद से निशा बांगरे के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
निशा बांगरे ने इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इंडिया न्यूज से बातचीत करते हुए निशा ने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वह गुरुवार या शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर सकती है।
प्रत्याशी बदल सकती है कांग्रेस
दरअसल निशा बैतूल जिले की आमला सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं। लेकिन राज्य शासन द्वारा उनके त्यागपत्र पर फैसले में देरी को देखते हुए पार्टी ने मनोज मालवे को प्रत्याशी घोषित कर दिया। खबर है कि कांग्रेस अब आमला सीट पर अपना प्रत्याशी बदल सकती है।
कांग्रेस ने मुझे दिया था आश्वासन
इसके साथ ही निशा ने कहा कि मुझे कांग्रेस ने आश्वासन दिया था, अंतिम 2 दिनों तक आपके इस्तीफे का इंतजार किया जायेगा। अब आज कांग्रेस की परीक्षा की घड़ी है। कांग्रेस बताए कि मेरे संघर्ष में भाजपा को दलित और महिला विरोधी ठहराने वाली खुद दलितों और महिलाओं की कितनी पक्षधर है।
दोनों स्थिति में कांग्रेस को नुकसान
चुनाव तो आमला सारणी की जनता मेरे चेहरे पर लड़ेंगी ही परिणाम कुछ भी हो, फर्क नहीं पड़ता। आज कमलनाथ जी से मिलना चाहूंगी, वो अपना स्टैंड क्लियर करें। वहीं, जानकारों का कहना है कि टिकट बदलने और निशा बांगरे के निर्दलीय चुनाव लड़ने दोनों ही स्थिति में कांग्रेस को नुकसान होगा।
इस वजह से छोड़ दी नौकरी
आपको बतादें कि छतरपुर एसडीएम रहीं निशा बांगरे के खिलाफ 21 अगस्त, 2023 को सिविल सेवा आचरण नियम 1985 का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए विभागीय जांच शुरू की गई थी। निशा बांगरे ने अपने बैतूल स्थित आवास पर सर्वधर्म सभा का आयोजन किया था। इसमें शामिल होने के लिए उन्होंने अनुमति मांगी थी।
शासन से अनुमति नहीं
शासन ने अनुमति नहीं दी पर वे इसमें शामिल हुई और फिर सेवा से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन शासन ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया। इसके बाद निशा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गई। उन्होंने त्यागपत्र स्वीकार कराने के लिए आमला से मुख्यमंत्री आवास तक पदयात्रा निकाली थी पर भोपाल के बोर्ड आफिस चौराहे के पास उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इस पूरे मामले में कांग्रेस निशा के साथ खड़ी रही।
कौन है निशा बांगरे?
निशा बांगरे के जीवन परिचय की तो निशा मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर थीं। 2010 से 2014 के बीच निशा ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और बाद में अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी कर अपने करियर की शुरुआत की। हालांकि बाद में उन्होंने प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का फैसला लेते हुए 2016 में मध्य प्रदेश पीएससी की परीक्षा दी। पीएससी परीक्षा में पास होने पर उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ।
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