देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के लिए नागरिक निकाय के ‘नो थू थू’ (थूकना नहीं) अभियान के तहत मध्य प्रदेश के इंदौर में विशेष रूप से बने थूकदान वितरित किए जा रहे हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शुक्रवार को बंगाली चौक पर पान की दुकानों और राहगीरों को कप के आकार के ये थूकदान वितरित किए और सार्वजनिक स्थानों पर पान, तंबाकू और गुटखा के थूक से होने वाले खतरे को रोकने के लिए उनका सहयोग मांगा। उन्होंने पीटीआई को बताया कि ये थूकदान मुफ्त में बांटे जा रहे हैं।

ओरल सर्जन और स्थानीय स्टार्टअप एक पहल के सह-संस्थापक डॉ. अतुल काला ने कहा कि स्पिटून को विशेष धातु से बनाया गया है ताकि तरल थूक को सख्त कचरे में बदला जा सके।

कचरे से कमाई का तरीका

इंदौर इसलिए स्वच्छता में नंबर वन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने वैसे तो स्वच्छता में कई नए आयाम स्थापित किए हैं, लेकिन अबकी बार इंदौर शहर ने बायो सीएनजी प्लांट स्थापित कर बड़ा कमाल कर दिखाया था जिसके चलते इंदौर शहर ने कचरे से कमाई का तरीका पूरे देश को बतलाया है। इतना ही नहीं, इंदौर ने कचरे के कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन पर शत-प्रतिशत यूजर चार्ज वसूलने और जीरो कॉस्ट माडल पेश किया।

“अब नो थू-थू अभियान”

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को रेड स्पॉट से मुक्त करने के लिए नई पहल शुरू की गई है, जहां “अब नो थू-थू अभियान” शुरू किया गया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देशानुसार शहर में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के साथ-साथ शहर को रेड स्पॉट से मुक्त करने हेतु नो थू-थू अभियान के तहत शहर के विभिन्न चौराहों व स्थानों पर डिवाईडर या यहां-वहां थूकने व पीक करने वालो के विरूद्ध रोको-टोको अभियान चलाया जा रहा है।

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