India News (इंडिया न्यूज़), Devendra Singh Naruka, Dausa: जो मासूम अपने नन्हे नन्हे हाथो से मंगलवार को 77 वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय तिरंगे को सलामी दी थी और दूसरे दिन बुधवार को देश अमृत काल में दाखिल हुआ। लेकिन वो मासूम हाथ दुग्ध के पाउडर से भरे कार्टून अपने सिर पर रखकर सरकार की दुग्ध योजना के कार्टून सिर पर बोझ रखकर ढोने रहे थे।

नौनिहाल का सिर पर पोषाहार का बोझ ढोने के मामले

प्रदेशभर  में शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षा की पाठशाला को मॉडल बनाने के साथ राजस्थान में शिक्षा के स्तर में सुधार और नये तरीके से शिक्षा क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार नये आयाम गढ़ने में लगी हुई है। लेकिन एक वायरल वीडियो में सरकारी स्कूल मुख्य गेट के बाहर से छोटे छोटे नौनिहाल सिर पर पोषाहार का बोझ ढोने के मामले में शिक्षा विभाग की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दौसा जिले का है मामला..

मामला दौसा जिले के बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र के उपखंड बसवा क्षेत्र के उच्च माध्यमिक विद्यालय बसवा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा जिसमें बसवा के उच्च माध्यमिक विद्यालय के मुख्य गेट से ई रिक्शा में मुख्यमंत्री के दुग्ध योजना के कार्टून ढोते नजर आ रहे हैं। जिससे सरकारी स्कूल बसवा प्रशासन प्रबंधन की भी पोल खोलकर रख दिया।

किसी राहगीर ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर कर दिया वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल विडियो बुधवार का बताया जा रहा है। जहां किसी राहगीर ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिक्षा विभाग पर अलग अलग तरीके लोग टिप्पणियां कर रहें। असल में बसवा कस्बे  में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को पढ़ाई के अलावा विद्यालय के भी कार्य करने पड़ रहे हैं।

दूध के कार्टूनों को बच्चों को सिर पर रखकर विद्यालय में ले जाना पड़ा…

जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह करीब 11 बजे विद्यालय में मुख्यमंत्री के योजना के तहत बच्चों को दिए जाने वाले दूध पाउडर का एक ई रिक्शा टेंपो भरकर आया था। विद्यालय के गेट में चढ़ाई होने के कारण टेंपो अंदर चढ़ नहीं पाया। जिस पर बच्चों को धक्का लगाना पड़ा और फिर भी टेंपो नहीं चढ़ा, तो दूध के कार्टूनों को बच्चों को सिर पर रखकर विद्यालय में ले जाना पड़ा।

इस पूरे मामले में बेखबर रहा विद्यालय प्रशासन

छोटे-छोटे बच्चे टेंपो से दूध पाउडर उतारते हुए देखा गया, लेकिन लापरवाह विद्यालय  प्रशासन प्रबंधन इस पूरे मामले में बेखबर रहा। स्कूल में शिक्षा के अभिभावक शिक्षा ग्रहण करने भेजते लेकिन शिक्षा के मंदिर में बाल मजदूरी जैसा काम बालकों से कराने मामले में अब शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो गए हैं ?

अगर ऐसा हुआ है बहुत ग़लत हैं: प्रधानाचार्य राजेन्द्र बैरवा

स्कूल में बच्चो का मजदूरी करने का वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य राजेन्द्र बैरवा ने मोबाइल पर बताया कि वीडियो के मामले जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है बहुत ग़लत हैं मैं ओलम्पिक खेलों में मेरी ड्यूटी थी। सरकारी दुग्ध योजना के कार्टून ठेकेदार द्वारा भेजे गए थे। स्कूल में स्टाफ की कमी का बहाना बनाते हुए ई रिक्शा चढ़ाई होने के कारण रिक्शा आगे चल नहीं पाने का बहाना बताया। लेकिन बड़ा सवाल अब भी वही है की स्कूल में बच्चे पढ़ाई करने आए थे तो उनसे बाल मजदूरी क्यों करवाई गई ?

सीबीईओ अशोक शर्मा ने कि रिपोर्ट की मांग

अब किसी राहगीर ने विडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया तो स्कूल प्रशासन के हाथ में फूल रहे है। हालांकि इस मामले को लेकर जब बसवा सीबीईओ अशोक शर्मा से बात की गई है, तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा और इस मामले की पुष्टि करते हुए को बसवा स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करने सहित तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगने की हैं।

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