India News (इंडिया न्यूज)Rajasthan Politics: अशोक गहलोत सरकार के दौरान बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म कर दिया गया है। शनिवार को भजनलाल कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। 9 जिलों के साथ भजनलाल सरकार ने तीन संभागों को भी खत्म करने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के बाद राजस्थान में जिलों की संख्या घटकर 41 हो गई है। वहीं, तीन संभागों को खत्म करने के बाद अब प्रदेश में सात संभाग बचे हैं। भाजपा सरकार द्वारा खत्म किए गए तीन संभागों में बांसवाड़ा संभाग का नाम भी शामिल है।
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फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा
भजनलाल सरकार द्वारा बांसवाड़ा संभाग को रद्द करने पर सांसद राजकुमार रोत भड़क गए। बांसवाड़ा सांसद ने कहा कि राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। उन्होंने भजनलाल सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बांसवाड़ा संभाग को रद्द करके राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमा पर रहने वाला एक गरीब आदिवासी करीब 240 किलोमीटर की दूरी तय करके उदयपुर आने के बारे में सोच भी नहीं सकता। सरकार का यह कदम आदिवासी बहुल क्षेत्र की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
ये 9 नए जिले हुए खत्म
आपको बता दें कि भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को बांसवाड़ा के साथ पाली और सीकर संभाग को खत्म करने का ऐलान किया है। इसके अलावा गहलोत राज में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म कर दिया गया है।
कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जिलों को खत्म करने का फैसला किया गया है, जबकि बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहारोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर जिले यथावत रहेंगे।