India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: डीडवाना पुलिस ने 36 साल पुराने हत्याकांड मामले में एक हैरान करने वाली सफलता हासिल की है। वर्ष 1988 से फरार चल रहे 80 वर्षीय बुजुर्ग आरोपी मुश्ताक खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी थानाधिकारी राजेंद्र सिंह कमांडो के नेतृत्व में की गई एक प्रभावी और रणनीतिक कार्रवाई का नतीजा है। सरदारपुरा कला का रहने वाला मुश्ताक खान, 1988 में नागौर जिले के मुंडवा में हुई एक जघन्य हत्या का मुख्य आरोपी था। इस मामले में उसे अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन, न्याय की प्रक्रिया को चकमा देते हुए मुश्ताक ने जोधपुर हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी।

36 सालों के लिए अंडरग्राउंड हो गया था मुश्ताक

जब हाईकोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी, तो वह गिरफ्तारी से बचने के लिए 36 सालों तक भूमिगत हो गया। मुश्ताक ने अपनी पहचान छिपाने के लिए लगातार ठिकाने बदले। लेकिन कानून के लंबे हाथ आखिरकार उसे पकड़ने में कामयाब हो ही गए। पुलिस ने मुश्ताक की तलाश में गुप्त टीम बनाई और सटीक योजना के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया। थानाधिकारी राजेंद्र सिंह कमांडो के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सरदारपुरा गांव में छापा मारा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान, मुश्ताक को देखकर गांववालों में सनसनी फैल गई। एक बुजुर्ग व्यक्ति के खिलाफ हत्या जैसे गंभीर आरोपों ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया।

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पुलिस की चतुराई और मुश्ताक का अंत

मुश्ताक खान के खिलाफ एडीजे कोर्ट नागौर ने हाल ही में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट मिलते ही पुलिस ने अपनी योजना पर काम शुरू कर दिया और बुजुर्ग आरोपी को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। थानाधिकारी राजेंद्र सिंह कमांडो ने कहा “यह गिरफ्तारी साबित करती है कि कानून से कोई बच नहीं सकता, चाहे वह कितने ही सालों तक भागता रहे। न्याय की प्रक्रिया को चकमा देने की कोशिश कभी सफल नहीं होती।”मुश्ताक की गिरफ्तारी से पूरा इलाका सकते में है। 36 साल पुराने मामले में इस तरह की कार्रवाई ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर विश्वास बढ़ाया है। साथ ही यह भी साबित हुआ है कि समय चाहे जितना भी बीत जाए, इंसाफ जरूर मिलता है।

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