India News (इंडिया न्यूज़) Rajasthan News: भांकरोटा में एक महीने के भीतर फिर से एक बड़ा हादसा हो गया। कोयले से भरा एक ओवरलोड ट्राला ठीक उसी मोड़ पर पलट गया, जहां 20 दिसंबर को भीषण गैस टैंकर ब्लास्ट ने 20 जिंदगियां लील ली थीं। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी की घोर लापरवाही को उजागर कर दिया है।

दिनदहाड़े हुआ हादसा

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि ओवरलोड ट्राला यू-टर्न लेते समय सड़क के बीचों-बीच पलट गया। हादसे के वक्त आसपास कोई वाहन नहीं था, जिससे किसी की जान जाने की खबर नहीं है। यह तो दिन का समय और ट्रैफिक लाइट चालू होने का असर था, वरना यह हादसा भीषण हो सकता था। ट्राला में आग न लगने से भी बड़ा हादसा टल गया, क्योंकि कोयला आग पकड़ने में बेहद तेज होता है।

प्रशासन और हाईवे अथॉरिटी की नाकामी

इस हादसे ने प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 20 दिसंबर को हुए गैस टैंकर ब्लास्ट के बाद मुख्यमंत्री ने इस ब्लैक स्पॉट को बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन यह खतरनाक यू-टर्न आज भी खुला हुआ है। भारी ट्रैफिक के बावजूद वाहनों को इस मोड़ से यू-टर्न लेने की अनुमति दी जा रही है।

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टैंकर ब्लास्ट की दिल दहला देने वाली घटना

20 दिसंबर को इसी स्थान पर एक एलपीजी टैंकर में ब्लास्ट हुआ था। हादसा इतना भीषण था कि 40 से ज्यादा वाहन इसकी चपेट में आ गए थे। 500 मीटर तक फैली एलपीजी गैस ने 27 लोगों को गंभीर रूप से झुलसा दिया था, जिनमें से 20 लोगों की मौत हो चुकी है।

बार-बार हादसे लेकिन कार्रवाई शून्य

भांकरोटा का यह मोड़ अब “मौत का कट” बन चुका है। लगातार हादसों के बावजूद प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी आंख मूंदे हुए हैं। यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक लापरवाही की यह कीमत आम लोगों की जान से चुकानी पड़ेगी। आवश्यक है कि इस ब्लैक स्पॉट को तुरंत बंद किया जाए और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। वरना आने वाले दिनों में यहां और भी जानलेवा हादसे देखने को मिल सकते हैं।

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