India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने सोमवार (3 फरवरी) को धर्मांतरण विरोधी विधेयक ‘द राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन 2024’ विधानसभा में पेश किया। जानकारी के अनुसार, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने यह विधेयक सदन में रखा। इस विधेयक में जबरन, प्रलोभन या किसी अन्य गलत तरीके से कराए गए धर्मांतरण को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

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क्या हैं विधेयक के प्रमुख प्रावधान?

– जबरन धर्मांतरण पर सजा: यदि कोई व्यक्ति बलपूर्वक, धोखे से या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 3 से 5 साल तक की सजा हो सकती है।
– लव जिहाद पर सख्ती: विधेयक में यह प्रावधान है कि लव जिहाद करने वाले व्यक्ति के विवाह को पारिवारिक न्यायालय द्वारा निरस्त किया जा सकता है।
– स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन: अगर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे 60 दिन पहले जिलाधिकारी (कलेक्टर) को सूचित करना अनिवार्य होगा।
– अन्य राज्यों में भी कानून: इससे पहले झारखंड, कर्नाटक और गुजरात में इस तरह का कानून पहले से प्रभावी है।

16 साल पहले भी लाया गया था विधेयक

गौरतलब है कि वसुंधरा राजे सरकार ने 2008 में भी धर्मांतरण विधेयक पेश किया था, लेकिन यह केंद्र सरकार में अटकने के कारण लागू नहीं हो पाया था। अब 16 साल बाद भजनलाल शर्मा सरकार ने इसे फिर से सदन में पेश किया है। ऐसे में, राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार को दो दिनों के अंतराल के बाद फिर शुरू हुई। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है और रोजगार को लेकर सवाल उठा रही है। फिलहाल, धर्मांतरण को लेकर यह विधेयक राज्य में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। अब देखना होगा कि इसे कानूनी रूप देने के लिए सरकार क्या कदम उठाती है।

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