India News (इंडिया न्यूज़),Mayra Ritual In Bhilwara : मौजूदा समय में शादी समारोह और सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए ज्यादातर लग्जरी कारों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन राजस्थान के मांडलगढ़ क्षेत्र की प्राचीन ग्रामीण संस्कृति का अनुसरण करते हुए होडा गांव से तीन भाई भात यानी मायरा देने के लिए बैलगाड़ियों पर सवार होकर अपनी बहन के ससुराल श्रीपुरा गांव पहुंचे। होडा गांव से बहन के परिजन और रिश्तेदार एक दर्जन से अधिक बैलगाड़ियों में शादी के कपड़े और मायरा के रूप में आभूषण लेकर बहन के ससुराल श्रीपुरा गांव पहुंचे।

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बैलगाड़ी से बहन के घर पहुंचे भाई

इस दौरान बैलगाड़ी खींचने वाले बैलों को विशेष रूप से सजाया गया था। बैलों के गले में घुंघरू बांधे गए थे। परिवार के सदस्य और रिश्तेदार संगीत की धुन पर नाचते-गाते हुए चल रहे थे। अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के लिए उन्होंने पारंपरिक बैलगाड़ियों में मायरा निकाला। होडा के सत्यनारायण गुर्जर, नारायण लाल गुर्जर और कैलाश गुर्जर अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ एक दर्जन से अधिक बैलगाड़ियों पर सवार होकर श्रीपुरा गांव में अपनी बहन की ससुराल में मायरा लेने पहुंचे।

श्रीपुरा गांव में बहन के ससुराल पहुंचने पर ससुराल वालों ने कुमकुम तिलक लगाकर स्वागत किया।भाई और परिवार के सदस्य राजस्थानी परिधान पहने हुए थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

लग्जरी कारों की जगह सजी-धजी बैलगाड़ियों में दहेज देने जा रहे भाइयों की तस्वीर राहगीरों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर ली। वहीं कई लोगों ने बैलगाड़ियों के साथ सेल्फी भी ली। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

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