India News (इंडिया न्यूज), Bikaner News: झुंझुनूं में बीकानेर से नीमराणा तक डाली जा रही 765 केवी ट्रांसमिशन बिजली लाइन का विरोध शुरू हो गया है। अखिल भारतीय किसान महासभा ने कंपनी के कर्मचारी व ठेकेदार पर आरोप लगाया की सोनासर गांव में किसान के खेत में जबरदस्ती घुसकर एक किसान की 5 बीघा फसल को खराब करने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई कर गिरफ्तारी की मांग की।
ठेकेदार जबरदस्ती खेतों में घुसे
DYFI के महिपाल ने बताया कि बीकानेर से नीमराणा तक 765 केवी ट्रांसमिशन की बिजली लाइन डाली जा रही है। झुंझुनूं जिले के कई इलाकों से ये लाईन गुजर रही है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी व ठेकेदार किसाना के साथ समझौता किए बगेर जबरदस्ती उनके खेत में घुस रहे है। 17 दिसंबर को मलसीसर तहसील के सोनासर गांव में कंपनी का ठेकेदार जबरदस्ती एक किसान के खेत में घुस गया और 5 बीघा लहलहाती फसल को बर्बाद कर दिया।
किसानों का लगातार धमकाया जा रहा है
उन्होंने बताया कि उसके बाद ऊपर से तहसीलदार और धूनरी थाने के पुलिसकर्मी किसान को धमकाते है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन के बाद जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें किसान को उसकी फसल का मुआवजा देने और बिना इजाजत खेत में घुसने पर दंडात्मक कार्रवाई करने, मामले की जांच करवाकर तहसीलदार से जवाब मांगने। पुलिस के द्वारा हस्तक्षेप नहीं करने, किसान के साथ मुआवजा तय होने तक कोई भी खेत में नहीं घुसने की मांग की गई।
जमीन के मुआवजा की मांग
अमूमन गांवों में सिंचित जमीन की डीएलसी दरें करीब 60 हजार रुपये प्रति बीघा है। टावर के लिए एक बीघा जमीन चाहिए। ऐसे में डीएलसी के हिसाब से किसान को एक बीघा जमीन का 1.20 लाख रुपये मुआवजा बनता है। खेत के ऊपर से गुजर रही लाइन के नीचे की जमीन के लिए डीएलसी दर का 30% मुआवजा देने की बात है। यह लाइन करीब 67 मीटर चौड़ी होगी, लेकिन पालना नहीं हो रही।