India News (इंडिया न्यूज),Govind Singh Dotasra: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी के धर्मांतरण बिल, मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान और नगर निकायों में प्रशासक नियुक्त करने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है। धर्मांतरण कानून पर बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि बीजेपी पहले भी धर्मांतरण कानून लेकर आई थी और अब फिर से कानून लेकर आई है लेकिन ये कानून पास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए पहले से ही कानून है और संविधान में भी इसका प्रावधान है।
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‘हिंदू-मुस्लिम के जरिये अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती है भाजपा’
डोटासरा ने कहा कि इस तरह के कानून लाकर भाजपा सरकार जनहित के मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जब वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थीं, उस समय भी ऐसा ही कानून लाया गया था, लेकिन उसका क्या हुआ, यह सभी जानते हैं। ‘अब इसे एक बार फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। भाजपा हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। लेकिन भाजपा कब तक राजनीतिक लाभ लेगी?’
‘राजस्थान में गुजरात मॉडल लाने की तैयारी’
डोटासरा ने कहा कि भाजपा प्रशासक नियुक्त कर नौकरशाही के जरिए सरकार चलाना चाहती है। उन्होंने राजस्थान सरकार पर गुजरात मॉडल लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह गुजरात में जनप्रतिनिधि सरकार नहीं चला रहे हैं, उसी तरह का मॉडल राजस्थान में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जनप्रतिनिधि सरकार नहीं चला रहे हैं, आज न तो मुख्यमंत्री, न मंत्री और न ही विधायकों की कोई चलती है।
‘सरकार की नीयत खराब’
नगर निगम चुनाव से पहले राज्य में प्रशासक नियुक्त करने के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है और करीब एक साल बीत गया है, तब से जनप्रतिनिधियों से काम करने की उम्मीद की जाती है। डोटासरा ने कहा कि सबको पता है कि राज्य में अधिकांश नगर निकायों के चुनाव नवंबर में होने हैं। जिसके लिए उन्हें मतदाता सूची और आरक्षण की व्यवस्था करने सहित अन्य काम करने थे। लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, क्योंकि उनकी नीयत खराब थी।