India News (इंडिया न्यूज़) Cyber Fraud: राजस्थान में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। जयपुर पुलिस ने शनिवार को बिंदायका, कालवाड़ और हरमाड़ा इलाकों में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है।

हाईटेक ठगी का जाल

पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ के अनुसार, यह ठगी एक सुनियोजित और हाईटेक साइबर फ्रॉड का हिस्सा थी। ठगों ने डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर देशभर के लोगों से 30 करोड़ रुपये ठग लिए। जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने 130 से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया, जिनमें भारी मात्रा में लेनदेन हुआ। इन खातों को फ्रीज कर दिया गया है।

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छापेमारी में बरामद हुआ सामान

छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई अहम सबूत बरामद किए हैं, जिनमें कंप्यूटर, लैपटॉप, एटीएम कार्ड, चेक बुक, पासबुक और अन्य डिजिटल उपकरण शामिल हैं। आरोप है कि ठग इन उपकरणों का इस्तेमाल कर फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को झांसे में लेते थे। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस गिरोह में दो नाबालिग भी शामिल थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। यह गिरोह न केवल तकनीकी विशेषज्ञता के जरिए ठगी कर रहा था, बल्कि अपने नेटवर्क को हर आयु वर्ग में फैला रहा था।

130 बैंक खातों पर लगी रोक

पुलिस ने ठगी से जुड़े 130 बैंक खातों को चिन्हित कर लेनदेन पर रोक लगा दी है। इन खातों में जमा धनराशि की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इन खातों में ठगी का पूरा पैसा ट्रांसफर किया गया था। पुलिस का कहना है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। यह आशंका है कि इस गिरोह का जाल अन्य राज्यों तक फैला हुआ हो सकता है। यह घटना राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है। पुलिस का यह ऑपरेशन ठगों पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन यह सवाल भी उठाता है कि डिजिटल सुरक्षा के उपाय कितने प्रभावी हैं।

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