India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Cyber fraudster:  राजस्थान में आम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे शातिर साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका खोज निकाला है। ये साइबर ठग अब जिला कलेक्टर के नाम से आईडी बनाकर उनके अधीनस्थ अधिकारियों से पैसे ऐंठने का प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान में एक ही दिन में ऐसे तीन मामले सामने आए हैं। साइबर ठगों ने दौसा, करौली और राजसमंद कलेक्टर के नाम से व्हाट्सएप पर फर्जी आईडी बनाकर जिले के अन्य अधिकारियों को मैसेज भेजकर पैसे की मांग की है।

संबंधित जिलों के साइबर थाने तीनों मामलों की जांच में जुटे हैं। जिला कलेक्टरों के नाम से बनाई गई इन फर्जी आईडी से पैसे मांगे जाने पर इन जिलों के अधीनस्थ अधिकारी भी हैरान हैं। ये मामले दौसा, करौली और राजसमंद जिलों में चर्चा का विषय बन गए हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मामला छाया हुआ है। हैरान कर देने वाली बात ये है कि, इस सभी तीनों आईडी से एक ही तरह के मैसेज भेजे जा रहे हैं। दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार के नाम से नकली व्हाट्सएप आईडी बनाई गई है।

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उज्बेकिस्तान के नंबर से बनाई फर्जी आईडी

जिला कलेक्टर को बसवा और लालसोट समेत जिले के तीन तहसीलदारों ने इस फर्जी आईडी की जानकारी दी है। ये जानने के बाद कलेक्टर भी हैरान हो गए । जिला कलेक्टर ने इसके बाद तुरंत एसपी को इस ठगी की सारी जानकारी दी।
साइबर ठगों ने कलेक्टर देवेंद्र कुमार का नाम और फोटो 8883286101 नंबर पर लगाकर यह नकली आईडी बनाई है। इस आईडी के जरिए अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। जिला कलेक्टर असावा ने सभी लोगों से अपील की है कि मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से संपर्क कर बात न करें। आईडी पर जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना की फोटो लगी हुई है। इस आईडी के जरिए जिले के कुछ अधिकारियों से व्हाट्सएप पर संपर्क कर पैसों की मांग की गई है। कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने लोगों से अपील की है कि ऐसे किसी भी मैसेज पर भरोसा न करें। राजसमंद जिला पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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