India News (इंडिया न्यूज़),Dr. kirodilal Meena: एसआई भर्ती परीक्षा-2021 को लेकर चल रहे विवाद में मंगलवार रात स्थिति और गंभीर हो गई जब पुलिस ने परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों के घर दबिश दी। पुलिस की इस कार्रवाई से छात्र, उनके परिवार और कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने नाराजगी जताई है।
पुलिस की कार्रवाई:
देर रात पुलिस ने आंदोलनरत छात्रों के घरों पर पहुंचकर उन्हें गाड़ियों में बैठा लिया। पुलिस का कहना था कि वे “बात करने” आए थे, लेकिन इस कदम से छात्रों और उनके परिजनों में डर और गुस्सा पैदा हो गया।
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कैबिनेट मंत्री का हस्तक्षेप:
घटना की जानकारी मिलते ही बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जताई और इसे “आंदोलन को कुचलने का प्रयास” करार दिया।
पुलिस और मंत्री के बीच बहस:
किरोड़ीलाल मीणा ने सवाल उठाया कि आधी रात को पुलिस छात्रों से क्या बात करने आई थी। उन्होंने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कार्रवाई गलत है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छात्रों का कहना है कि एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में गड़बड़ियों के चलते इसे रद्द करने की मांग की जा रही है। आंदोलन को दबाने के लिए पहले भी लाठीचार्ज और गिरफ्तारियां हुई थीं। छात्रों ने इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन” बताया। छात्रों ने 5 दिसंबर को एक विशाल प्रदर्शन का आह्वान किया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद इस प्रदर्शन के और बड़े स्तर पर होने की संभावना है।
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राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव:
बीजेपी ने इस घटना को कांग्रेस सरकार के खिलाफ हथियार बनाते हुए इसे “तानाशाही रवैया” बताया। कई छात्र संगठन भी इस आंदोलन में समर्थन दे रहे हैं। देर रात पुलिस की कार्रवाई ने प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि इसे आगामी चुनावों में राजनीतिक मुद्दा भी बनाया जा सकता है। छात्र आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से संभालने की आवश्यकता है, अन्यथा यह मामला और भड़क सकता है।
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