India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Dussehra 2024: भारत में दशहरा का त्योहार विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, और हर स्थान की अपनी विशिष्ट परंपराएं होती हैं। राजस्थान के कोटा शहर में रावण दहन से पहले एक अनूठी परंपरा निभाई जाती है, जिसमें रावण के पुतले पर कंकर (पत्थर) फेंके जाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसका सांस्कृतिक महत्व है। लोग मानते हैं कि ऐसा करने से बुराई का नाश होता है और लोगों की बुरी इच्छाओं का अंत होता है। यह आयोजन दशहरे के दिन बड़े उत्साह के साथ किया जाता है, जिसमें भारी भीड़ एकत्रित होती है।
कोटा की इस परंपरा के साथ ही, देश के कई अन्य हिस्सों में भी रावण दहन के अलग-अलग और रोचक तरीके अपनाए जाते हैं। कुछ स्थानों पर रावण के पुतले को जलाने के बजाय उसे रौंदने की परंपरा भी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ गांवों में, रावण का पुतला नहीं जलाया जाता, बल्कि उसे प्रतीकात्मक रूप से रौंदा जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश दिया जाता है।