India News RJ(इंडिया न्यूज),Haryana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस खेमे में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व समेत सभी नेताओं को भरोसा था कि इस बार हरियाणा में बाजी पलट जाएगी। एग्जिट पोल में भी कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई थी, लेकिन चुनाव नतीजों ने कांग्रेस की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। नतीजों को लेकर आज दिल्ली में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें हार पर चर्चा हुई।

बैठक के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि इसे बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। इस बैठक में अशोक गहलोत के अलावा अजय माकन भी मौजूद थे, दोनों को हरियाणा का पर्यवेक्षक बनाया गया था।

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हार पर गंभीरता से चर्चा हुई- गहलोत

दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव पर राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, “इस हार को गंभीरता से लिया जा रहा है। क्योंकि मीडिया और वहां की जनता एक स्वर में कह रही थी कि कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। बावजूद इसके ऐसा क्या हुआ कि नतीजे इसके विपरीत आए। आज बैठक में इस पर गंभीरता से चर्चा हुई। इसके कारणों की तह तक जाना जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश और प्रदेश एक राष्ट्रीय पार्टी की जीत की चर्चा कर रहा था। क्या कारण था कि नतीजे उलट गए? अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं और लोगों में ईवीएम को लेकर कई तरह की शंकाएं हैं। कल हम चुनाव आयोग से भी मिले। उन्होंने कहा, “हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की और उनसे हमारी शंकाओं को दूर करने को कहा। हमने लिखित में ज्ञापन भी दिया है।”

दिल्ली में हुई बैठक में क्या निकला?

सूत्रों के मुताबिक हरियाणा चुनाव में हार के बाद पहली समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के नतीजों को स्वीकार नहीं करेगी। बैठक में यह बात निकलकर आई कि तमाम सर्वे रिपोर्ट और ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के जीतने का अनुमान था, फिर भी पार्टी क्यों हारी… इस पर चर्चा होगी। इसके अलावा चुनावी मैदान में कांग्रेस के बागियों की मौजूदगी भी कांग्रेस की हार की बड़ी वजह बताई गई। नेतृत्व ने आपसी गुटबाजी और पार्टी हित से ज्यादा निजी हित को महत्व देने की बात कही है।

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