India News (इंडिया न्यूज), CBI in Ramlal Jat Fraud Case: राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता रामलाल जाट की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जानकारी के अनुसार, जोधपुर हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी* के मामले की CBI जांच के आदेश जारी किए हैं। फिलहाल, यह मामला माइनिंग कारोबार से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि डरा-धमकाकर और धोखाधड़ी से माइनिंग हड़पने* की कोशिश की गई।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें, ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट और महावीर प्रसाद चौधरी के खिलाफ 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और जबरन माइनिंग हड़पने का आरोप लगाते हुए न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इसके साथ-साथ इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 4 फरवरी को जोधपुर हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने इस केस की जांच CBI को सौंपने के आदेश दिए। पीड़ित माइनिंग कारोबारी परमेश्वर जोशी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पूर्व मंत्री रामलाल जाट और उनके प्रभावशाली संपर्कों की वजह से जांच प्रभावित हो सकती है।
आखिर क्या हैं आरोप?
मिली जानकारी के अनुसार, 17 सितंबर 2022 को भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में रामलाल जाट और 5 अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद माइनिंग कारोबारी के अनुसार, 50% शेयर मंत्री के परिजनों के नाम करने के बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन दस्तावेजों पर नाम चढ़वाने के बाद पैसा नहीं दिया गया। दूसरी तरफ, आरोप यह भी है कि डरा-धमकाकर जबरन माइनिंग कारोबार हड़पने की कोशिश की गई और माइनिंग में इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी चोरी कर ली गईं।
जानिए हाईकोर्ट का फैसला
इस मामले में राजस्थान की पूर्व अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे रामलाल जाट के खिलाफ लगातार कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह मामला CBI के अधीन चला गया है, जिससे जांच निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ेगी। अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं और CBI की जांच क्या निष्कर्ष पर पहुंचती है।