इंडिया न्यूज़ (भरतपुर, indira rasaoi bhartpur rajasthan): राजस्थान के भरतपुर के एमएसजे कॉलेज के सामने बनी इंदिरा रसोई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें रसोई के सामने रखे जूठे बर्तनों को 2 सूअर चाटते नजर आ रहे हैं। कोई भी सरकारी अधिकारी और आम नागरिक सूअरों को भगाता नजर नहीं आ रहा.

किसी ने सूअरों को नही भगाया

यह घटना मंगलवार, 1 अक्टूबर की है। भरतपुर के एमएसजे कॉलेज के सामने बनी इंदिरा रसोई बंद हो चुकी थी लेकिन जूठी थालियां एक बड़े बर्तन में रखी हुई थीं। तभी 2 सूअर वहां आए और उन्होंने बर्तन को उलट दिया, इसके बाद सूअरों ने थालियों को चाटना शुरू कर दिया। काफी देर तक सूअर थालियां चाटते रहे। जिसका वीडियो बाद में वायरल हो गया।

वायरल वीडियो

जिस इंदिरा रसोई में सूअरों के थाली चाटने की बात सामने आई है, उसकी जिम्मेदरी मदर टेरेसा नाम की संस्था को दी गई थी। वीडियो वायरल होने के बाद भरतपुर नगर निगम ने संस्था से अनुबंध समाप्त कर उसे नोटिस जारी कर दिया है.

कलेक्टर पर आरोप

जिला कलेक्टर आलोक रंजन पर एनजीओ को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है. मिनी सचिवालय के गेट पर एक गुमटी नुमा बिल्डिंग में इंदिरा रसोई का संचालन होता है. इंदिरा रसोई खुलने से पहले एक महिला को राजीविका मिशन के तहत कैंटीन चलाने की अनुमति मिली थी।

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास की तरफ से हेमलता नामक एक महिला को बिल्डिंग में कैंटीन खोलने की अनुमति दी गई थी। हेमलता की कैंटीन चलने लगी तो उसके तुरंत बाद ही एनजीओ संचालक रेनू सिकरवार को इंदिरा रसोई संचालित करने की अनुमति दे दी गई.

एनजीओ संचालक रेनू सिकरवार को जिला प्रशासन ने चार इंदिरा रसोई पहले से ही स्वीकृत कर रखी है और एक आश्रय स्थल का संचालन भी रेनू सिकरवार की एनजीओ करती है। 8 रुपए की कीमत पर खाना खानेवाला गरीब इंदिरा रसोई में घुसने पर भ्रमित हो जाता है क्योंकि कैंटीन का चिपका मीनू पहले ही देखने को मिल जाता है। कैंटीन में 10 रुपए की चाय और 10 रुपए का समोसा मिलता है.

आठ रुपए में थाली और स्वच्छता का दावा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त 2020 में ‘कोई भूखा नहीं सोए’ अभियान के तहत इंदिरा रसोई योजना शुरू की थी। इसे प्रदेश भर के 213 नगरीय निकायों में 358 रसोई के साथ शुरू किया गया था. इंदिरा रसोई में 8 रुपये में भरपेट खाना देने का दावा किया जाता है।

राजस्थान सरकार प्रति थाली पर 17 रुपये की सब्सिडी देती है और 8 रुपये खाने वाले को देना पड़ता है। सरकार ने इस योजना को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन अब जो तस्वीर सामने आई हैं उनसे सरकारी दावों पर सवाल खड़ा हो गया है.