India News (इंडिया न्यूज़), Jaipur BRTS News: जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने 170 करोड़ रुपए की लागत से बने बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को हटाने का फैसला किया है। यह निर्णय राजधानी जयपुर में सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर को लेकर लिया गया है। यह कदम केंद्रीय सड़क अनुसंधान संगठन (CRRI) की रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है, जिसमें बताया गया कि मौजूदा बीआरटीएस व्यवस्था प्रभावी नहीं रही।
इस व्यवस्था में कई खामियां सामने आईं
बीआरटीएस का उद्देश्य शहरी परिवहन को बेहतर बनाना था, ताकि बसों के लिए अलग से कॉरिडोर बनाकर यात्रा की गति को बढ़ाया जा सके और यात्री कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकें। इस योजना के तहत, सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर विशेष बस कॉरिडोर तैयार किए गए थे। लेकिन, इस व्यवस्था में कई खामियां सामने आईं।
अन्य वाहन भी चलने लगे
इनमें सबसे बड़ी समस्या यह रही कि इस कॉरिडोर में सिर्फ बसें नहीं, बल्कि अन्य वाहन भी चलने लगे, जिससे गति में कोई खास बदलाव नहीं आया। इसके अलावा, पैदल यात्रियों और बस यात्रियों के लिए कोई खास सुविधा नहीं दी गई, जैसे ऑफ-बोर्ड टिकटिंग और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम। इस वजह से बीआरटीएस सिस्टम का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका।
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सारी परियोजानाएं विफल हुई
2009 में राज्य सरकार ने तय किया था कि बीआरटीएस कॉरिडोर केवल 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर ही बनाए जाएंगे, लेकिन इसके बाद भी यह योजना प्रभावी नहीं हो पाई। पहले भोपाल और इंदौर में भी बीआरटीएस कॉरिडोर बनाए गए थे, लेकिन वहां भी यह परियोजना विफल रही और अब उन स्थानों पर इसे हटाने का निर्णय लिया जा चुका है।
जेडीए की कार्यकारी समिति ने हटाने का फैसला लिया
हालांकि, जेडीए ने सीआरआरआई द्वारा की गई स्टडी रिपोर्ट को गंभीरता से लिया, जिसमें यह सिफारिश की गई थी कि या तो कॉरिडोर को पूरी तरह से लागू किया जाए या फिर इसे हटा दिया जाए। इसके बाद जेडीए की कार्यकारी समिति ने इसे हटाने का फैसला लिया। इस फैसले से स्थानीय संगठन भी खुश हैं, जो लंबे समय से बीआरटीएस को हटाने की मांग कर रहे थे।
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