India News (इंडिया न्यूज),Jaipur Pigeon Problems: जयपुर शहर, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और सुंदरता के लिए जाना जाता है, अब एक नई स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है। शहर में बढ़ती कबूतरों की संख्या से फेफड़ों की गंभीर बीमारियां, खासकर इंटरस्टीशियल लंग डिजीज (ILD), फैल रही हैं। कबूतरों का सूखा मल और पंख सांस लेने में तकलीफ और खांसी का कारण बन रहे हैं, जो धीरे-धीरे जानलेवा बीमारियों में तब्दील हो सकता है।
लोगों के फेफड़ों को नुकसान
विशेषज्ञों का मानना है कि जयपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे कई मरीज भर्ती हो रहे हैं, जिनमें सांस लेने की तकलीफ और लगातार खांसी जैसी समस्याएं पाई जा रही हैं। इसका एक मुख्य कारण कबूतरों के मल और पंख हैं, जो हवा में मिलकर लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कबूतरों से जुड़ी बीमारियों में ILD सबसे गंभीर मानी जाती है, जो अगर समय रहते इलाज न मिले, तो ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत तक पड़ सकती है।
कबूतरों की वजह से बढ़ रही है ILD
जयपुर में रामनिवास बाघ के पास रहने वाले एक व्यक्ति का मामला सामने आया, जो कई सालों से कबूतरों को दाना खिला रहा था। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और पहले उसे अस्थमा समझकर इन्हेलर दिया गया था। लेकिन सही परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उसे ILD है, जो कबूतरों के मल और पंखों के संपर्क में आने से हुई थी। डॉक्टर्स ने उसे तुरंत कबूतरों और उनके मल से दूर रहने की सलाह दी।
ILD के लक्षण और बचाव
ILD एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, जिसके लक्षणों में लगातार सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान और शरीर में कमजोरी शामिल हैं। यदि समय पर इलाज नहीं किया गया, तो इस बीमारी की गंभीरता इतनी बढ़ सकती है कि मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे जीवन की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ता है, और मरीज की दिनचर्या प्रभावित हो सकती है।
Arvind Kejriwal News: ‘जब मैं जेल गया तो दिल्ली को…’,अरविंद केजरीवाल का बीजेपी पर बड़ा आरोप