India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: लोकसभा में वक्फ संशोधन कानून को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट को लेकर मुस्लिम समाज के धर्मगुरु और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि इस कानून में उनके सुझावों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।
“हमारी बात नहीं सुनी गई”
बता दें, मुस्लिम धर्मगुरु हाफिज मंजूर ने इस रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जेपीसी अध्यक्ष ने विपक्ष और मुस्लिम समुदाय की किसी भी बात को तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा, “हमने अपनी ओर से कई सुझाव तैयार किए और करोड़ों सुझाव जेपीसी तक पहुंचाए, लेकिन हमारी किसी भी बात को सुना ही नहीं गया।” जानकारी के मुताबिक, हाफिज मंजूर ने आगे कहा कि “यह पूरी प्रक्रिया एकतरफा रही और किसी को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया।” उन्होंने कहा कि किसी भी कानून को इस तरह *थोपना सही नहीं है, इससे समाज में असंतोष बढ़ सकता है।
जेपीसी अध्यक्ष ने दावों को नकारा
इसके साथ-साथ इस मामले पर जेपीसी अध्यक्ष ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि रिपोर्ट पूरी पारदर्शिता के साथ बनाई गई है और सभी पक्षों को ध्यान में रखा गया है। हालांकि, मुस्लिम समाज के नेताओं का मानना है कि उनकी चिंताओं और आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया है। ऐसे में, वक्फ संशोधन कानून को लेकर संसद में बहस हो सकती है और मुस्लिम संगठनों द्वारा इसका विरोध जारी रहने की संभावना है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।
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