India News (इंडिया न्यूज) Rajasthan News: अजमेर में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने वेलेंटाइन डे का विरोध जताते हुए इसे इस्लाम में हराम बताया है। जानकारी के अनुसार, इस्लामिक धर्मगुरु हाजी पीर सैयद नफीस चिश्ती ने कहा कि यह त्यौहार भारतीय संस्कृति के विपरीत है और समाज में अनैतिकता फैलाने का काम करता है।

बाप-बेटे को जिंदा जलाया…, 1984 सिख विरोधी दंगों की दर्दनाक घटनाएं आपको भी रूला देगी

जानिए डिटेल में

बता दें, हाजी पीर सैयद नफीस चिश्ती ने कहा कि वेलेंटाइन डे को हिंदू और ईसाई धर्म के कुछ लोग मनाते हैं, लेकिन कई लोग इसका विरोध भी करते हैं। इस्लाम धर्म में इस तरह के त्योहारों को मानने की इजाजत नहीं है। ऐसे में, उन्होंने कुरान की एक आयत का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को इस तरह के वेस्टर्न कल्चर से दूर रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वेलेंटाइन डे को प्यार और मोहब्बत का दिन कहा जाता है, लेकिन असल में यह बेपरदगी और अनैतिकता को बढ़ावा देने वाला दिन है। भारतीय संस्कृति में इस तरह के त्योहारों का कोई स्थान नहीं है।

आगे सैयद नफीस चिश्ती ने कहा कि…

ऐसे में, हाजी पीर सैयद नफीस चिश्ती ने कहा कि सनातन धर्म में भी इस तरह के वेस्टर्न त्योहारों का विरोध किया जाता है, फिर भी लोग इसे मनाने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और संस्कारों को समझना चाहिए और इस तरह के विदेशी त्योहारों से बचना चाहिए। बता दें, अजमेर के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए इसे पूरी तरह नकारने की अपील की है

दिल्ली में चुनाव हारते ही AAP के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज का छलका दर्द, कहा- हम बेरोजगार हो गए, हमारा चैनल सब्सक्राइब कर लो…