India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने अजमेर के दो ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदलने का फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार किंग एडवर्ड मेमोरियल भवन का नाम अब महर्षि दयानंद मेमोरियल विश्रांति गृह रखा गया है, जबकि फॉय सागर झील का नाम वरुण सागर कर दिया गया है। ऐसे में, राज्य सरकार का कहना है कि यह बदलाव गुलामी के प्रतीकों को हटाने और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
अब गुलामी के प्रतीक जा रहे हैं’
जानकारी के अनुसार, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर में कई स्थानों के नाम ब्रिटिश शासन के दौरान रखे गए थे, जो गुलामी की मानसिकता को दर्शाते थे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल भवन का नाम बदलकर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह कर दिया गया है। वासुदेव देवनानी ने आगे कहा, “आजादी के 77 साल बाद भी हमारे शहर में गुलामी के कुछ प्रतीक बने हुए थे। ये कहीं न कहीं हमारे मन में गुलामी की मानसिकता को जन्म दे रहे थे। अब ऐसे प्रतीकों को हटाकर आजादी के प्रतीक स्थापित किए जा रहे हैं।”
फॉय सागर अब वरुण सागर
बताया गया है कि, अजमेर की प्रसिद्ध फॉय सागर झील का नाम अब वरुण सागर कर दिया गया है। यह झील 132 साल पहले ब्रिटिश इंजीनियर फॉय द्वारा बनाई गई थी, जिसका नाम उनके सम्मान में रखा गया था। अब इसे जल देवता वरुण* के नाम पर रखा गया है, जिससे इसका भारतीय संस्कृति से जुड़ाव मजबूत हो सके। बता दें, अजमेर नगर निगम ने इन नामों के आधिकारिक बदलाव की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने इसे गुलामी के प्रतीकों को हटाने की दिशा में एक अहम कदम* बताया है। अब लोग वरुण देवता की पूजा के लिए झील पर बनाए गए घाट पर बैठ सकेंगे।