India News (इंडिया न्यूज), Jaipur: जयपुर में हुए भीषण टैंकर ब्लास्ट ने न जाने कितने परिवारों की खुशियां छीन लीं। इस त्रासदी में अब तक 14 लोगों की जान चली गई है, जबकि 10 से अधिक घायलों की हालत गंभीर है। घटना के 24 घंटे बाद भी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। सवाई मानसिंह अस्पताल का बर्न वार्ड इस समय परिवारों के आंसुओं और प्रार्थनाओं का गवाह बना हुआ है।
नरेश की कहानी, हर परिवार का दर्द
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के नरेश कुमार, जो जयपुर में कोरियर कंपनी में काम कर अपने परिवार का सहारा बने हुए थे, इस घटना में 70% झुलस गए हैं। उनके परिवार का कहना है कि नरेश ही उनके दो छोटे बच्चों और दिव्यांग भाई की जिम्मेदारी संभालते थे। अब उनके इलाज के लिए जयपुर पहुंचे परिवार को उनसे मिलने तक की इजाजत नहीं है। बर्न वार्ड के बाहर बैठी उनकी पत्नी सुमन देवी की आंखें हर पल नरेश की सलामती की दुआ मांग रही हैं।
हर परिवार के पास एक अधूरी कहानी
बर्न वार्ड के बाहर सिर्फ नरेश का परिवार ही नहीं, बल्कि दर्जनों लोग हैं जिनका जीवन इस हादसे ने पल भर में बदल दिया। कुछ परिवार अपनों का पता लगाने में लगे हैं, तो कुछ गंभीर घायलों की स्थिति जानने के लिए इंतजार कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि घायलों की देखभाल के लिए विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है। परिजन सिर्फ यही पूछ रहे हैं कि आखिर यह हादसा क्यों हुआ? इस हादसे ने न सिर्फ जिंदगियां लीं, बल्कि उन परिवारों के सपने भी जलाकर खाक कर दिए, जिनकी उम्मीदें अपनों पर टिकी थीं।