India News RJ (इंडिया न्यूज़), New Statue of Lady of Justice: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल का बयान और मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ द्वारा ‘न्याय की देवी’ की मूर्ति में किए गए बदलाव महत्वपूर्ण हैं। यह बदलाव न केवल सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है, बल्कि यह यह संदेश भी देता है कि भारतीय न्याय व्यवस्था में संवैधानिक मूल्यों का महत्व है। ये बयान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने दिया है।
“न्याय कभी अंधा नहीं होता”
मंत्री का कहना कि “न्याय कभी अंधा नहीं होता” और “कानून संविधान से चलता है, ना कि तलवार से” यह दर्शाता है कि सरकार न्याय के प्रति अपनी दृष्टि को अपडेट करने की कोशिश कर रही है। यह विचार कि न्याय की देवी के हाथ में संविधान की किताब होनी चाहिए, इस बात को रेखांकित करता है कि कानून का प्राथमिक स्रोत संविधान है, न कि कोई भौतिक शक्ति।
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न्याय की देवी की नई मूर्ति पर बोले यें बात
बीकानेर दौरे के दौरान मंत्री ने विकास कार्यों का लोकार्पण करते हुए न्याय की देवी की नई मूर्ति के संदर्भ में भी अपने विचार साझा किए। यह संकेत करता है कि वे केवल न्याय प्रणाली के प्रतीकों को नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक ढांचे को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बदलाव और मंत्री का दृष्टिकोण यह दर्शाते हैं कि सरकार और न्यायपालिका दोनों ही सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। आशा है कि इस तरह के कदम न्याय व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेंगे।