India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा राजस्थान सरकार पर लगाए गए 746.88 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी है। यह जुर्माना 17 सितंबर 2024 को जारी किए गए आदेश में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर लगाया गया था।
हिमाचल में दवा कंपनी में लगी भीषण आग, करोड़ों का हुआ नुकसान..
राज्य सरकार के एडमिशनल एडवोकेट जनरल, शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि NGT ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था, साथ ही मुख्य सचिव और शहरी विकास सचिव के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन के लिए नोटिस भी जारी किया था। शर्मा ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जैसे कि 129 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) को चालू करना और पुराने कचरे का 66.55% उपचार करना।
Mahakumbh Ka Mahamanch : सनातन को बढ़ाने के लिए 4 बचे जरूरी सवाल पर परमानंद महाराज ने दिया ये जवाब |
राज्य सरकार ने अब तक वेस्ट मैनेजमेंट में 7500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जिसमें 4712.98 करोड़ रुपये लिक्विड वेस्ट और 2872.07 करोड़ रुपये सॉलिड वेस्ट के लिए खर्च किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए एनजीटी के आदेश के अमल पर रोक लगा दी, जिससे राज्य सरकार को राहत मिली। कोर्ट ने यह माना कि इतने बड़े जुर्माने से राज्य के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में रुकावट आ सकती है।V