India News (इंडिया न्यूज),Jodhpur Politics: सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रेस वार्ता में अपनी उपलब्धियों का गुणगान किया, लेकिन उनके दावों ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की प्राथमिकता रोजगार देने की रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। जोशी ने कहा कि उनकी सरकार ने सबसे ज्यादा रोजगार दिया और लगातार 20 घंटे काम किया, लेकिन बेरोजगारी के आंकड़े अब भी राज्य के युवाओं की बेबसी को उजागर करते हैं। बेरोजगार युवाओं के लिए संवेदनशीलता का दावा करने वाली सरकार पर विपक्ष ने तीखा हमला करते हुए कहा कि ये सिर्फ भाषणबाजी है।

राइजिंग राजस्थान एक और दिखावटी आयोजन?

जोशी ने राइजिंग राजस्थान में हुए एमओयू को धरातल पर लाने का दावा किया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से ज्यादातर एमओयू कागजों तक सीमित रहते हैं। हर दो साल में राइजिंग राजस्थान आयोजित करने का दावा भले ही रोजगार बढ़ाने के लिए किया गया हो, लेकिन पिछली योजनाओं के अधूरे काम और निवेशकों की उदासीनता सरकार के प्रयासों पर सवाल उठाते हैं।

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भर्तियों का कैलेंडर चुनावी स्टंट या वास्तविक प्रयास?

राज्य के इतिहास में पहली बार भर्तियों का कैलेंडर जारी करने का दावा किया गया, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर बड़ी चुनौतियां सामने हैं। पिछले एक साल में अधिकांश विभागों में नियुक्तियों की प्रक्रिया या तो शुरू नहीं हुई या अटकी हुई है। स्किल डेवलपमेंट के नाम पर सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका लाभ युवाओं तक नहीं पहुंच रहा।

विपक्ष का तीखा प्रहार

विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछली सरकार पर आरोप लगाने वाले विधायक और मुख्यमंत्री खुद युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। योजनाओं और वादों का ढोल पीटने वाली सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। सरकार के वादों और दावों की हकीकत पर उठ रहे ये सवाल आने वाले समय में चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।

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