India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan news: अलवर के सरिस्का की अकबरपुर रेंज से निकले बाघ के हमले की कहानी थमने का नाम नहीं ले रही है। दौसा के बांदीकुई में तीन लोगों को घायल करने के बाद बाघ एसटी 2402 अब जिले के रैणी गांव में पहुंच गया है। इसकी सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
घर के दोनों तरफ लगे दरवाजों से..
बाघ के हमले की कहानी सुनकर लोग डरे हुए हैं। सूचना मिलते ही सरिस्का और जयपुर की टीम मौके पर पहुंची। साथ ही बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए ड्रोन की मदद से तलाशने के प्रयास किए जा रहे हैं। बाघ एसटी 2402 रैणी के करणपुरा गांव में पहुंच गया है। सरिस्का टीम ने करणपुरा में पैरों के निशान देखकर बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है। डर के चलते परिजन घर से बाहर नहीं निकले, रैणी के आसपास स्थित कई गांवों में दहशत का माहौल है। रैणी के करणपुरा गांव में बाघ खेतों से निकलकर एक घर के दोनों तरफ लगे दरवाजों से बाहर आ गया। घर की महिला मालिक ने बताया कि ‘सुबह करीब साढ़े चार बजे बाघ की दहाड़ से पूरा परिवार डर गया और कोई भी घर से बाहर नहीं निकला। सुबह जब परिवार जागा तो घर में उसके पैरों के निशान मिले।
बाघ सरिस्का जंगल से निकलकर..
लोगों की सूचना पर वन विभाग की 5 से ज्यादा टीमें करणपुरा गांव पहुंची और पैरों के निशान देखकर पुष्टि की कि बाघ एसटी 2402 है। यह बाघ सरिस्का से निकलकर बांदीकुई इलाके में पहुंच गया था, लेकिन वापस रैणी गांव में आ गया है, जहां उसके पैरों के निशान मिले हैं।अलवर के सरिस्का से लगातार बाघ जंगल छोड़ रहे हैं। इससे पहले एक बाघ सरिस्का जंगल से निकलकर हरियाणा पहुंच गया था। उसे ट्रैंकुलाइज कर विषधारी टाइगर रिजर्व भेज दिया गया था। बाघ एसटी 13 कई सालों से लापता है। ऐसे में बाघों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है।
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