India News(इंडिया न्यूज़), Kota news: कोटा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कोटा-झालावाड़ रोड पर एंबुलेंस के इंतजार में एक गर्भवती महिला ने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दे दिया। परिजनों का आरोप है कि 108 एंबुलेंस को प्रसव पीड़ा शुरू होने के तुरंत बाद फोन किया गया था, लेकिन एक घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची।

एंबुलेंस के इंतजार में सड़क पर हुआ प्रसव

महिला कालीबाई को जब प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन एंबुलेंस के देरी से आने के कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी। घर से महज 500 मीटर की दूरी पर कालीबाई की प्रसव पीड़ा बढ़ गई और कॉलोनी की महिलाओं ने चादर लगाकर उसे संभाला। महिलाओं की मदद से कालीबाई ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया।

एंबुलेंस चालक पर लापरवाही के आरोप

परिजनों ने एंबुलेंस चालक पर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि एंबुलेंस महावीर नगर इलाके से रवाना हुई थी, जो रानपुर से करीब 9 किलोमीटर दूर है। प्रसव के बाद एंबुलेंस के जरिए जच्चा और बच्चा को जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों सुरक्षित हैं।

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स्वास्थ्य विभाग ने दी सफाई

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. नरेंद्र नागर ने लापरवाही के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के 10 मिनट बाद ही एंबुलेंस मौके पर भेज दी गई थी। नागर ने बताया कि रानपुर स्वास्थ्य केंद्र पर जल्द ही प्रसव सुविधा विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

“7 करोड़ की आबादी पर 741 एंबुलेंस, स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल”

कोटा दक्षिण के उप महापौर पवन मीणा ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान की 7 करोड़ से अधिक की आबादी के लिए केवल 741 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगर रानपुर में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं होतीं तो महिला को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी है और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।