India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा का सत्र एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना रहा। सोमवार को सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। विपक्ष ने सरकार पर कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाए, जिनका सत्ता पक्ष के मंत्रियों ने कड़े जवाब दिए। खासतौर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विपक्षी नेताओं को करारा जवाब दिया।

देवनानी का पलटवार

सदन की कार्यवाही के दौरान जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अनुजा ऋण योजना के निपटारे को लेकर अपनी बात रखी, तभी मंत्री जोगाराम पटेल ने अध्यक्ष से अपील की कि कुछ सदस्यों पर ध्यान दिया जाए। इस पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता व विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा, “मेरी नज़र से कोई बच नहीं सकता।” देवनानी के इस बयान के बाद सदन में हलचल तेज हो गई और विपक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

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आरक्षण को लेकर बवाल

विधानसभा में बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने के आरोप लगाए गए, जिस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी हमेशा आरक्षण की समर्थक रही है और विपक्ष इस मुद्दे पर बेवजह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। गहलोत ने कहा कि सरकार आरक्षण को खत्म नहीं करेगी और यह पहले भी पार्टी की नीति रही है।

गहलोत का आत्मविश्वास

मंत्री अविनाश गहलोत ने सदन में अपने मजबूत इरादों को व्यक्त करते हुए कहा, “मैं झुक-झुक कर खड़ा हुआ हूं, लेकिन अब मुझे झुकने का कोई शौक नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि “मैंने अपने जीवन को खुद बनाया है और किसी से डरने की जरूरत नहीं समझता। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए मैं तैयार हूं।” गहलोत के इस बयान ने सदन में सत्ता पक्ष के नेताओं का उत्साह बढ़ाया।

शेर को लेकर मज़ेदार नोकझोंक

बहस के दौरान अविनाश गहलोत ने एक शेर सुनाया, जिस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मजाक में कहा कि यह शेर पहले से सुना हुआ है और गहलोत ने इसे चुरा लिया है। इस पर गहलोत ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि उन्होंने जूली से बहुत कुछ सीखा है, लेकिन जूली ने कहा कि सीखने और चुराने में अंतर होता है। इस मज़ाकिया बहस के दौरान सदन में माहौल कुछ देर के लिए हल्का हो गया।

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित

लगातार तीखी बहस और चर्चा के बीच विधानसभा की कार्यवाही को सोमवार को 3 मार्च सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया। सदन के अगले सत्र में फिर से विभिन्न मुद्दों पर बहस होने की संभावना है। राजस्थान की राजनीति में इस बार के विधानसभा सत्र में कई बड़े मुद्दे उठे, जिन पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह बहस किस दिशा में जाती है।

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