India News(इंडिया न्यूज़),Rajasthan High Court: राजस्थान की राजनीति में चर्चा में आए नरेश मीणा को एक बार फिर झटका लगा है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। यह मामला बारां जिले में 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान मंत्री प्रमोद जैन भाया के घर पर किए गए धरना-प्रदर्शन से जुड़ा है।

गिरफ्तारी से बचने के लिए मीणा ने कोर्ट का रुख किया

नरेश मीणा पर आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों की भीड़ को उकसाया था। मामले में बारां कोतवाली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए मीणा ने कोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने पुलिस से केस डायरी तलब करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 20 जनवरी तय की है।

राजनीतिक प्रेरणा का आरोप

मीणा के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि यह मामला साधारण है और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पहले भी जमानत मंजूर होती रही है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया।

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एसडीएम थप्पड़ कांड में पहले से जेल में

गौरतलब है कि नरेश मीणा पहले से ही एसडीएम को थप्पड़ मारने के एक अन्य मामले में जेल में बंद हैं। यह घटना भी पिछले साल की है, जब मीणा ने सरकारी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया था। इस मामले में वह पिछले दो महीनों से सलाखों के पीछे हैं।

चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहे मीणा

2023 में हुए विधानसभा चुनाव में नरेश मीणा बारां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए थे। कांग्रेस ने वहां से प्रमोद जैन भाया को प्रत्याशी बनाया था। चुनाव के दौरान, सितंबर 2023 में, मीणा ने सैकड़ों समर्थकों के साथ मंत्री भाया के घर पर प्रदर्शन किया था। दो दिनों में दूसरी बार, हाईकोर्ट ने मीणा को झटका दिया है। बुधवार को भी उनकी एक अन्य मामले में जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। अब यह देखना होगा कि 20 जनवरी को उनकी याचिका पर क्या फैसला होता है।

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