India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan News: राजस्थान के बाद नेतागिरी में भी फर्जी डॉक्यूमेंट का मामला सामने आया है।   इसमें बीजाथल ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच राधा देवी को 9 साल की लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद दोषी ठहराते हुए अदालत ने सजा सुनाई। राधा देवी ने 2015 के पंचायत चुनाव में 8वीं पास होने का फर्जी टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) प्रस्तुत कर चुनाव लड़ा और सरपंच पद जीता। चुनाव के बाद शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें उनके शैक्षणिक दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठाए गए।

पुलिस जांच में टीसी फर्जी पाई गई।

मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डेगाना की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष ने राज्य सरकार की ओर से पैरवी की। 9 वर्षों के बाद अदालत ने राधा देवी को दोषी ठहराते हुए 5 साल का कठोर कारावास और 3,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वही बता दें कि, इससे पहले  गुंदीसर सरपंच मैना चौधरी और मोगास सरपंच सुरेंद्र कंवर के खिलाफ भी इसी तरह के मामलों में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने पर सजा दी जा चुकी है।

चुनावों में पारदर्शिता की जरूरत

इस मामले से पता चलता है कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जनप्रतिनिधि बनने की कोशिशें लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करती हैं। चुनाव आयोग और प्रशासन को इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
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