India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।  यहां पर एक छात्र को दूसरे छात्र की शिकायत करना उस वक्त भारी पड़ गया जब उसने टीचर से  गुटखा खाने की  शिकायत कर डाली।  यह घटना वाकई चिंताजनक है और यह दर्शाती है कि कैसे छोटी-छोटी बातों पर हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। यह विद्यालय और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी है कि छात्रों के बीच ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

डीग जिले के कामां कस्बां के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गोपीनाथ  मे अध्ययनरत एक छात्र को गुटखा खाने की शिकायत करना उस समय भारी पड़ गया जब विद्यालय छुटटी के बाद गेट के बाहर शिकायतकर्ता छात्र पर दूसरे छात्र ने ब्लैड से हमला कर लहुलूहान कर दिया। और उसे घायल अवस्था में छोड़ कर भाग गया।

यह है पूरा मामला

राहगीरों ने मानवता दिखाते हुए घायल छात्र को कामां के राजकीय अस्पताल भर्ती कराया। और परिजनों के पहुंचने के बाद छात्र को परिजनों के हवाले कर दिया। गोपीनाथ विद्यालय के प्रधानाचार्य हरेन्द्र सिंह ने बताया कि कक्षा सातवीं के छात्र कामां थाने के गांव अंगरावली निवासी फैजल  मेव ने अपने ही साथी छात्र व अपने ही गांव अंगरावली निवासी आरिस मेव की गुटखा खाने की शिकायत शुक्रवार को क्लास टीचर से शिकायत कर दी। जिस पर शुक्रवार सांय को छुटटी होने के बाद जैसे ही छात्र अपने अपने गावों व घरों को जाने लगे तभी गुटखा खाने वाले छात्र वारिस ने विद्यालय के सामने मौजूद एक नाई की दुकान से ब्लैड लेकर शिकायतकर्ता छात्र फैजल मेव पर हमला कर दिया। जो लहुलूहान हो गया। घायल को कामां अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। जहां उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे छुटटी दे दी। किसी पक्ष में कोई मामला नहीं दर्ज कराया दोनों पक्ष में राजीनामा हो गया।

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क

विद्यालय प्रशासन को छात्रों के बीच ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहना चाहिए। छात्रों को नैतिक शिक्षा और हिंसा से दूर रहने की शिक्षा दी जानी चाहिए। साथ ही, स्कूल परिसर और आसपास के क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है। बच्चों में संयम और सही-गलत का भेद सिखाने की जिम्मेदारी माता-पिता और समाज की भी है। यदि छात्र छोटी उम्र में हिंसक प्रवृत्तियों का प्रदर्शन कर रहे हैं, तो यह एक गंभीर संकेत है कि उनका सही मार्गदर्शन नहीं हो रहा है।

शांति का नोबेल प्राइस लेकर धब्बा बने Yunus, हिंदुओं को मारने वाले भारतीय मुसलमानों पर दे रहे ज्ञान, बांग्लादेश का नया कारनामा

हालांकि इस मामले में दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया है, फिर भी विद्यालय प्रशासन और पुलिस को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए। इससे बच्चों को संदेश जाएगा कि गलत कार्यों के परिणाम होते हैं।  स्कूल के छात्रों में गुटखा या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन एक गंभीर मुद्दा है। इसे रोकने के लिए स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए और नशीले पदार्थों की उपलब्धता पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

सपा का डेलीगेशन जाएगा पीड़ित परिवारों से मिलने, DM और SSP पर जांच की मांग