India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: केसीसी के आवासीय क्वार्टरों और दुकानों के बिलों में हुई गबन को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने माइनिंग डायरेक्टर से मिलकर समस्या से अवगत करवाया। इस दौरान जांच पुरी नहीं होने तक पुराने बिलों की राशि नहीं जोड़कर नए बिल जारी करने की मांग की। लोगों ने बताया कि केसीसी प्रशासन द्वारा करीब 250 लीज धारकों के 18 महीने के करीब पचास लाख रुपये बिलों का घोटाला सामने आया था।
व्यापारियों की शिकाय
250 लीज धारकों के अप्रैल 2023 से नवंबर 2024 तक के करीब 50 लाख रुपये बिल के बकाया चल रहे थे। 250 लीज धारकों को नवंबर माह में पिछले बकाया बिल एक कर भेजा गया तो कुछ लीज धारक व्यापारियों ने शिकायत की कि नवंबर माह के बिलों में ज्यादा रुपये जुड़ कर आए है, बिलों में संसोधन करने की मांग की। इस संबंध में जब व्यापारियों को बताया गया की आपके करीब 18 माह के बिल बकाया चल रहे है तो व्यापारियों ने अपने बिल जमा करवाने की बात कही, जिस पर उन्होंने शिकायत पत्र के मार्फत बताया।
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एक व्यक्ति निलंबित
उन्होंने आगे कहा कि फाइनेंस विभाग में कार्यरत कर्मचारी आशिष जैन को बिल जमा करवाने के लिए रिपये दिए है, जो भी बकाया बिल बताया जा रहा है। इससे पहले अन्य किसी भी बिल में बकाया जुड़ कर नहीं आया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों ने मामले में आशिष जैन का नाम आने के कारण निलंबित कर दिया। लीज धारकों का कहना है कि पिछले 18 महीने से लगातार ऑनलाइन व केसीसी कर्मचारी को नगद रुपये बिल के दे रहे थे, लेकिन पिछला बिल कभी भी जुड़ कर नहीं आया।
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मिली भगत के कारण लाखों का गबन
उन्होंने बताया कि नवंबर माह में 18 माह के बकाया बिल किस प्रकार निकाले गए है। लीज धारकों ने केसीसी प्रोजेक्ट के कंप्यूटर विभाग व फाइनेंस के अधिकारियों की मिली भगत के कारण लाखों रुपये का गबन करने का आरोप लगा रहे है। आक्रोशित लीज धारकों ने कहा कि हर ग्यारह माह पश्चात क्वार्टर रिनूअल करवाया जाता है, क्वार्टर रिनूअल तभी होता है जब पुराना बिल जमा हो, अगर बिल जमा नहीं किया होता तो रिनूअल नहीं किया जाता।
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नए बिल जारी करने के आदेश
लोगों ने आगे बताया कि कई लीज धारकों के बिल साधारण आ रहे है। जबकी नवंबर माह में सैंट्रल मार्केट की एक दुकानदार के करीब साढे तीन लाख रुपये, हैयर ड्रेसर दुकानदार के करीब एक लाख 26 हजार रुपये, सब्जी मंडी में एक दुकानदार के करीब 74 हजार, एक के एक लाख नौ हजार, एक लाख 48 हजार, कईयो के पचास हजार से ऊपर के बिल बकाया सामने आए। इस दौरान माइनिंग डायरेक्टर संजीव कुमार ने जांच पुरी नहीं होने तक पुराने बिल जारी नहीं कर नए बिल जारी करने के निर्देश दिए।