India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: बीकानेर स्थित बीएसएफ सेक्टर मुख्यालय में श्वानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इस गहन प्रशिक्षण के बाद इन डॉग्स को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात किया जाएगा। यह ट्रेनिंग उन्हें दुश्मनों की साजिशों को नाकाम करने में मददगार बनाएगी। पूरे भारत में ऐसे पांच ट्रेनिंग सेंटर हैं जो पंजाब, राजस्थान, गुवाहाटी, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में स्थित हैं। पहले यह सुविधा केवल ग्वालियर के टेकनपुर में उपलब्ध थी, लेकिन अब राजस्थान फ्रंटियर का विशेष ट्रेनिंग सेंटर बीकानेर में बनाया गया है।
डॉग्स को दी जा रही 6 महीने की गहन ट्रेनिंग
वर्तमान में बीकानेर सेंटर में 20 जर्मन शेफर्ड डॉग्स ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन डॉग्स को 6 महीने यानी 24 हफ्तों का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। बीएसएफ द्वारा इन डॉग्स को मुख्य रूप से तीन प्रकार की ट्रेनिंग दी जा रही है। इनमें एक्सप्लोसिव ट्रेनिंग, नारकोटिक्स ट्रेनिंग और असॉल्ट ट्रेनिंग शामिल हैं। एक्सप्लोसिव ट्रेनिंग में उन्हें हथियार और बारूद की खोजबीन करना सिखाया जाता है, नारकोटिक्स ट्रेनिंग में नशीले पदार्थों का पता लगाना, और असॉल्ट ट्रेनिंग में दुश्मन पर हमला करना सिखाया जाता है।
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हर डॉग के साथ होता है एक प्रशिक्षित हैंडलर
प्रशिक्षण के दौरान हर डॉग के साथ बीएसएफ का एक हैंडलर होता है, जो उसका ध्यान रखता है और ट्रेनिंग प्रक्रिया में सहयोग करता है। शुरुआत में डॉग्स को बुनियादी आदेशों जैसे बैठने और खड़े होने का अभ्यास कराया जाता है। बीएसएफ डीआईजी अजय लूथरा ने बताया कि यह प्रशिक्षण चार चरणों में किया जाएगा और यह वर्तमान में अपने पहले चरण में है।
सीमा सुरक्षा में बढ़ेगी ताकत
अब तक बीकानेर ट्रेनिंग सेंटर से 20 डॉग्स को प्रशिक्षित कर राजस्थान की विभिन्न पोस्टों पर तैनात किया जा चुका है। वहीं, 34 अन्य डॉग्स की ट्रेनिंग जारी है। नारकोटिक्स तस्करी से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग्स को तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा, यहां बीएसएफ के लिए डॉग्स के ब्रीडिंग सेंटर में अच्छी नस्ल के श्वान भी तैयार किए जा रहे हैं।
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