India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Politics:  राजस्थान में सफाई कर्मियों की 23 हजार से अधिक पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है, जिसे नगरीय विकास विभाग (UDH) ने बुधवार, 4 दिसंबर को आदेश जारी कर स्थगित किया। पहले जयपुर में इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किया गया था, अब राज्य भर में इसे रोक दिया गया है। इस निर्णय के बाद राज्य में लाखों युवाओं की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं, जिनके लिए यह भर्ती एक बड़ा अवसर था।

टीकाराम जूली ने की कड़ी आलोचना

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और सोशल मीडिया पर लिखा, “राजस्थान की भाजपा सरकार की विफलता एक बार फिर से सामने आई है। 23 हजार 8 सौ 20 पदों पर सफाई कर्मियों की भर्ती रद्द करना लाखों युवाओं की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम है। यह सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार को दर्शाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार बार-बार अपने आदेश वापस ले रही है, जो उसकी विफलता का संकेत है। जूली ने आरोप लगाया कि अनुभव प्रमाणपत्रों में भ्रष्टाचार भाजपा सरकार की शिष्टाचार बन गई है, और इसके कारण भर्ती प्रक्रिया में लगातार अड़चनें आ रही हैं।

टीकाराम जूली ने आगे लिखा, “युवाओं, याद रखना, भाजपा ने 1 साल में 1 लाख नौकरी देने की बात कही थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया है। यह सरकार की विफलता और झूठे वादों को दर्शाता है। मैं इस सरकार की विफलता की घोर निंदा करता हूं और राजस्थान के युवाओं से अपील करता हूं कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं, कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी है।”

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वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस निर्णय को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि सफाई कर्मियों की भर्ती में विसंगतियां थीं और यह निर्णय सही दिशा में कदम है। उन्होंने कहा, “वाल्मीकि समाज वर्षों से स्वच्छता और सेवा के कार्य में योगदान दे रहा है। उनके हितों और अधिकारों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। सरकार अब जो नई भर्ती निकाले, उसे इस समाज के लिए आरक्षित करने का फैसला ले तो उचित होगा।”

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