India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Ranthambore tiger habitat: राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई माधोपुर के जिला प्रशासन और पुलिस को वन अधिकारियों का सहयोग करने के निर्देश दिए और पुलिस (डीजीपी) को मामले की निगरानी करने को कहा। वन अधिकारियों को पूरा सहयोग करने के निर्देश उन्होंने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर पुलिस अधिकारियों से किसी भी तरह का सहयोग लिया जाता है तो उसे नैतिकता के दायरे में लाया जाएगा।

गेस्ट हाउस समेत कई निर्माण हो रहे हैं अजय

प्रताप सिंह ने कहा कि बाघों का आवासीय क्षेत्र होने के कारण क्रिटिकल (महत्वपूर्ण बाघ रहवास) क्षेत्र में व्यावसायिक प्रकृति के अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रणथंभौर में बाघों के महत्वपूर्ण रहवास क्षेत्र में गेस्ट हाउस समेत कई निर्माण उपकरण किए जा रहे हैं, जो वनस्पति और अवशेषों के लिए खतरा हैं और संभावित प्रभावों से बचा जाना चाहिए और वैज्ञानिक जांच की जानी चाहिए।

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कोर्ट ने की अधिकारियों से बात

वन विभाग/अधिकारी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मदद और सहायता की कमी के कारण उपाय प्रभावी ढंग से नहीं किए जा रहे हैं।” मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। उत्तर भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक रणथंभौर 70 से अधिक बाघों का घर है। इसका कुल क्षेत्रफल 1700.22 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से 1113.364 वर्ग किलोमीटर को ‘क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट’ और 297.92 वर्ग किलोमीटर को ‘बफर’ क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है।

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