India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan: नागौर  में मुगलों के समय से ही मायरा काफी प्रसिद्ध रहा है। बता दें कि आज फिर नागौर का मायरा इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। 3  भाइयों ने एक बार फिर मायरे को चर्चा का विषय बना दिया। किसान बेटों ने अपनी सबसे छोटी बहन के लिए 1 करोड़ 51 लाख रुपये नकद और सोने-चांदी सहित तकरीबन 3  करोड़ रुपये का मायरा भरा। जैसे ही गाड़ियों का काफिला आया, इसे देखकर हर कोई अचंभित रह गया।

खेती-बाड़ी का काम करते हैं

आपको बता दें कि साडोकण हाल नागौर शहर के हनुमान बाग निवासी रामबक्स खोजा के तीनों बेटे हरनीवास खोजा (अध्यापक), दयाल खोजा (अध्यापक) और हरचंद खोजा ने अपनी बहन बिराजया देवी के घर दिल खोलकर मायरा भरा। रामबक्स खोजा के 3  बेटे और 1  बेटी है। 2  बेटे सरकारी शिक्षक और 1  प्राइवेट कंपनी में काम कर रहा है। रामबक्स खोजा अपने तीनों बेटों के साथ नागौर के हनुमान बाग में रहते हैं। इनके 1  ही बेटी है, बेटी का ससुराल जायल विधानसभा के फरडौद निवासी मदनलाल (अध्यापक) के साथ शादी हुई। रामबक्स खोजा खेती-बाड़ी का काम करते हैं।

हजारों लोग मौजूद रहे

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रामबक्स के दोहिते और दोहिती की आज शादी थी। इनका आज मायरा था। मायरे की रीत-रिवाज नागौर में जायल के खिंयाला का रियासत काल से ही प्रसिद्ध था। रामबक्स अपने परिवार, रिश्तेदारों और मिलने वालों के साथ बेटी के घर 2  हजार लोगों के साथ पहुंचे। तीनों भाइयों ने मिलकर अपनी बहन बिराजया को चुनरी ओढ़ाई और मायरे की शुरुआत की। मायरे में एक करोड़ 51 लाख रुपये नकद, 30 तोला सोना, 5 किलो चांदी और 2  प्लॉट नागौर शहर में बहन के नाम किए। इस दौरान महेंद्र चौधरी (पूर्व राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक) सुनीता चौधरी (पूर्व जिला प्रमुख) और रिद्धकरण लामरोड़ (पूर्व प्रधान जायल) सहित हजारों लोग मौजूद रहे।