India News (इंडिया न्यूज)Rajasthan: राजस्थान में सत्ताधारी भाजपा सरकार के ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ पर विपक्ष ने तीखे सवाल उठाए हैं।कांग्रेस ने इस आयोजन को एक ‘आकंड़ों की बाजीगरी’ करार देते हुए इसे जनता को भ्रमित करने का प्रयास बताया।

रोजगार नहीं, मुफ्त जमीन का खेल

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार ने आंकड़े बढ़ाने के लिए निजी कॉलेजों और छोटी फर्मों से एमओयू पर हस्ताक्षर किए, ताकि प्रधानमंत्री मोदी को खुश किया जा सके। उन्होंने इसे एक ऐसा आयोजन बताया, जहां उद्योगपतियों को मुफ्त जमीन बांटी गई, जबकि जनता के हाथ खाली रहे।

35 लाख करोड़ के एमओयू एक बड़ी साजिश ?

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दावा किया कि 35 लाख करोड़ के एमओयू के पीछे बड़ी साजिश छिपी है.उन्होंने कहा, “छोटे मूल्य वाली कंपनियों को हजारों करोड़ के निवेश दिखाकर गुमराह किया गया।” उन्होंने सरकार से मांग की कि सभी समझौतों का विवरण सार्वजनिक किया जाए।

ध्यान केंद्रित किया

कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने भी इस सम्मेलन को एकतरफा बताते हुए कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को नजरअंदाज कर केवल सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया गया।”यह आयोजन उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने और राज्य की संपत्ति लुटाने के लिए किया गया।”

भाजपा सरकार पर कांग्रेस का वार

कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार के ‘छल और झूठ’ का नमूना बताते हुए सरकार की पहली वर्षगांठ पर एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में अपराध और प्रशासनिक असफलताओं को उजागर किया गया।

डोटासरा ने कर दिया बड़ा ऐलान

डोटासरा ने ऐलान किया कि कांग्रेस सड़क से सदन तक इस “समिट के छलावे” को उजागर करेगी.यह स्पष्ट है कि ‘राइजिंग राजस्थान’ का यह विवाद आने वाले दिनों में राजस्थान की राजनीति को गर्माएगा।

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