India News (इंडिया न्यूज), Bayana Qila History: भरतपुर अपनी वीरता और गौरवशाली इतिहास के लिए बहुत लोकप्रिय है।  यहां स्थित प्राचीन किले अनेक वीर गाथाओं के साक्षी रहे हैं।  इन्हीं में से एक ऐतिहासिक किला बयाना है। यहां पहली बार राजपूत रानियों ने अग्नि जोहर किया था यह घटना सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं बल्कि आत्मसम्मान त्याग और शौर्य की अमर कहानी है।  जो हर आगंतुक के हृदय को गर्व और सम्मान से भर देती है।

पहाड़ियों से घिरा यह किला कई युद्धों का साक्षी रहा

आपको बता दें कि इस किले का निर्माण राजपूत शासकों ने अपनी सुरक्षा के लिए किया था। मजबूत प्राचीरों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरा यह किला कई युद्धों का साक्षी रहा है। जब आक्रमणकारियों ने इस पर हमला किया तब राजपूत योद्धाओं ने अंतिम सांस तक युद्ध लड़ा लेकिन जब हार निश्चित दिखने लगी तो रानियों और अन्य स्त्रियों ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए अग्नि जोहर का फैसाल लिया यह एक ऐसी परंपरा थी जिसमें महिलाएं अपने सतीत्व और स्वाभिमान की रक्षा के लिए स्वयं को अग्नि को समर्पित कर देती थीं।

अंतिम बार एक-दूसरे को विदाई दी

जब शत्रु किले की दीवारें लांघने के करीब पहुंच गए तब राजपूत योद्धाओं ने रणभूमि में वीरगति प्राप्त करने की तैयारी की। दूसरी ओर रानियों और अन्य स्त्रियों ने एक विशाल अग्निकुंड तैयार किया।  उन्होंने अपने परिधान बदले अंतिम बार एक-दूसरे को विदाई दी और फिर गर्व के साथ अग्नि में प्रवेश कर अमरत्व को प्राप्त किया।  यह घटना न केवल वीरांगनाओं की अटूट निष्ठा और साहस को दर्शाती है बल्कि उनकी अमर गाथा भी सुनाती है।

पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है

यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस किले में आज भी जोहर स्थल मौजूद है। यहां की प्राचीरें महल और जोहर कुंड इस ऐतिहासिक बलिदान के मूक साक्षी हैं। विशेष रूप से एक स्थान पर रानी के सिर और हाथों के निशान देखे जा सकते हैं। जो मान्यता के अनुसार अग्नि में प्रवेश करने से पहले बने थे ये निशान आज भी इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों को उस हृदयविदारक घटना की याद दिलाते हैं। यह किला आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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