India News (इंडिया न्यूज),Udaipur Royal Family: उदयपुर के दो राजपरिवारों के बीच लंबे समय से चला आ रहा संपत्ति विवाद अब सड़क पर आ गया है। चित्तौड़गढ़ के महाराजा महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक के साथ यह विवाद और गहरा गया। परंपराओं के अनुसार, राजतिलक को पूर्ण मानने के लिए सिटी पैलेस में धूणी दर्शन और एकलिंगजी मंदिर के दर्शन आवश्यक हैं। लेकिन जब विश्वराज सिंह अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे, तो उन्हें प्रवेश से रोक दिया गया, जिसके बाद महल के अंदर और बाहर हिंसक झड़पें और पत्थरबाजी शुरू हो गईं।
धारा 144 के तहत लागू हुई निषेधाज्ञा
विवाद बढ़ने पर जिला प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना पड़ा। जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पोसवाल ने जगदीश चौक और उसके 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू करते हुए समूह में लोगों के इकट्ठा होने और हथियार प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने तनाव को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक रिसीवर नियुक्त किया।
संपत्ति विवाद बना विवाद की जड़
मेवाड़ राजघराने के दो प्रमुख परिवार—अरविंद सिंह और दिवंगत महेंद्र सिंह के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से कानूनी विवाद चल रहा है। इनमें एकलिंगजी मंदिर और सिटी पैलेस जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियां शामिल हैं। महेंद्र सिंह के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह का राजतिलक तो हुआ, लेकिन धूणी दर्शन न हो पाने के कारण इसे अधूरा माना जा रहा है। मेवाड़ की परंपराओं के अनुसार, बिना धूणी दर्शन और एकलिंगजी के दर्शन के राजतिलक अधूरा माना जाता है। यह विवाद न केवल राजपरिवार के लिए बल्कि मेवाड़ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी गंभीर चुनौती बन गया है।