India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: जिले खत्म करने के फैसले को लेकर राजस्थान की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए इस मुद्दे को जनता से जोड़ने की कोशिश की है। इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए जिसके बाद राजनीती काफी गरमा गई।

डोटासरा का बीजेपी पर तीखा हमला

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला। डोटासरा ने कहा कि जिस रिटायर्ड आईएएस ललित के. पंवार को नवगठित जिलों की समीक्षा का काम सौंपा गया था, वे खुद बीजेपी के कार्यकर्ता थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा, “बीजेपी सरकार ने लोगों की सुविधाओं के लिए बनाए गए हमारे नए जिलों और संभागों को खत्म कर दिया। यह जनता के साथ कुठाराघात है।” डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चुनौती देते हुए कहा कि वे कांग्रेस और बीजेपी सरकार की जिला समीक्षा समितियों के मापदंडों पर बहस करवाएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता की मांग और सुविधा के आधार पर जिलों का गठन किया था, जबकि बीजेपी सरकार ने बिना उचित समीक्षा के 9 जिले और 3 संभाग खत्म कर दिए।

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कांग्रेस करेगी सड़क से सदन तक घेराव

डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक जनता के हितों की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार का काम केवल “दिल्ली से आई पर्ची को पढ़ना” है। डोटासरा ने कहा, “इस सरकार ने सालभर में जनता के लिए कुछ नहीं किया। हमने जिले इसलिए बनाए ताकि गरीब व्यक्ति आसानी से एसडीएम, बीडीओ, और कलेक्टर के पास पहुंच सके। लेकिन इन्होंने इन जिलों को खत्म कर लोगों की समस्याएं बढ़ा दीं।”

बीजेपी ने किया पलटवार

इससे पहले, बीजेपी ने कांग्रेस के फैसले पर सवाल उठाते हुए तत्कालीन जिला समीक्षा समिति के चेयरमैन रिटायर्ड आईएएस रामलुभया को निशाने पर लिया था। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने जिलों का गठन केवल राजनीतिक फायदे के लिए किया था, न कि जनता की सुविधा के लिए। जिलों को लेकर छिड़ी इस सियासी जंग ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि जनता के मुद्दों पर कांग्रेस और बीजेपी की यह लड़ाई किस ओर करवट लेती है।