India News (इंडिया न्यूज), Bajrang Punia ban: भारत के टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय 10 मार्च 2024 को आयोजित राष्ट्रीय टीम चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए यूरिन सैंपल देने से मना करने के कारण लिया गया। NADA ने उन्हें एंटी-डोपिंग नियम 2.3 का उल्लंघन करने का दोषी पाया और इसके बाद उनके खिलाफ यह सजा दी गई।
क्या है मामला?
बजरंग पुनिया ने 10 मार्च को ट्रायल्स के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए यूरिन सैंपल देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद NADA ने जांच शुरू की और 23 अप्रैल को उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। बाद में, विश्व कुश्ती महासंघ (UWW) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया। यह प्रतिबंध अब चार साल तक जारी रहेगा, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी और न ही वह विदेश में कोचिंग के अवसरों को तलाश सकते हैं।
IPL से पहले राजस्थान का मास्टर प्लान हुआ लीक? 13 साल के लड़के से ये काम करवाएंगे गुरु द्रविड़
पुनिया ने दी थी फैसले को चुनौती
पहलवान बजरंग पुनिया ने इस फैसले का विरोध करते हुए पहले इसे चुनौती दी थी। इसके बाद, 31 मई को NADA के डोपिंग पैनल ने अस्थायी रूप से उनका निलंबन हटा लिया था। हालांकि, 23 जून को पुनिया को आरोपों के बारे में औपचारिक सूचना दी गई और 11 जुलाई को उन्होंने इस फैसले के खिलाफ कानूनी चुनौती दी। इस मामले की सुनवाई 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को हुई, लेकिन अंततः 23 अक्टूबर को उन्हें चार साल का निलंबन दिया गया।
बजरंग पुनिया की राजनीति में एंट्री
दिलचस्प है कि बजरंग पुनिया ने हाल ही में राजनीति में भी कदम रखा है। अक्टूबर 2024 में उन्होंने किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। इससे पहले उन्होंने पहलवान विनेश फोगाट के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर राजनीति के अखाड़े में अपनी एंट्री की थी। यह प्रतिबंध बजरंग पुनिया के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे भारतीय कुश्ती में एक महत्वपूर्ण नाम रहे हैं और ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी थी। अब यह देखना होगा कि इस प्रतिबंध का उनके करियर पर क्या प्रभाव पड़ता है।