Delhi Half Marathon: दिल्ली हाफ मैराथन की 20वीं वर्षगांठ पर देश के जाने-माने पूर्व हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए भारत के खेल भविष्य और व्यक्तिगत आत्मविकास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “बीते 20 वर्षों से दिल्ली हाफ मैराथन में लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि भारत फिटनेस की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मैराथन केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि खुद से एक लड़ाई है।”
श्रीजेश, जो अब कोचिंग की भूमिका में हैं, ने जूनियर हॉकी टीम की तैयारियों पर बात करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को शुरुआत में काफी मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। “मुझे लगता है कि जूनियर वर्ल्ड कप खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। घरेलू टूर्नामेंट और अंतरराष्ट्रीय स्तर का दबाव अलग होता है, और मेरा काम है कि मैं उन्हें इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करूं।” उन्होंने आगे कहा, “अब मैं अपने अनुभव खिलाड़ियों के साथ साझा करता हूं। उन्हें यह बताना जरूरी है कि जब हजारों दर्शक चीयर या आलोचना कर रहे हों, तो स्थिर रहना कितना जरूरी होता है।”
दिल्ली हाफ मैराथन में PR श्रीजेश का संदेश: खुद को चुनौती दो, दौड़ो और जीतो
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे पाकिस्तान से संभावित मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं, उन्होंने कहा, “मैं अपने खिलाड़ियों को सिर्फ एक टीम पर ध्यान केंद्रित नहीं करने देता। हमारा लक्ष्य है क्वार्टर फाइनल में पहुंचना और वहां से टूर्नामेंट जीतना।”
अंत में, उन्होंने मैराथन की आत्मिक भावना पर कहा: “मैराथन आप बनाम आप होता है। पहला कदम उठाना और फिर उस लय को पकड़ना सबसे बड़ी जीत होती है। मैं सभी को आमंत्रित करता हूं—आइए, दौड़िए और खुद को हराइए।”
पीआर श्रीजेश ने दिल्ली हाफ मैराथन को एक प्रेरणास्पद मंच बताया, जहाँ आत्मविकास और खेल भावना का मिलन होता है। साथ ही उन्होंने हॉकी टीम के लिए एक ठोस दृष्टिकोण और मार्गदर्शन दिया, जो भारत के आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में उम्मीद जगाता है।